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अमेरिका पर जासूसी के नए आरोप

२२ अक्टूबर २०१३

अमेरिका जासूसी के नए आरोपों में घिरता जा रहा है. सहयोगी देश रहे फ्रांस और मेक्सिको ने अपने यहां के फोन कॉल और नेताओं के ईमेल में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की घुसपैठ की कड़ी निंदा की है.

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तस्वीर: imago/Christian Ohde

फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद ने राष्ट्रपति बराक ओबामा से टेलीफोन पर हुई बातचीत में अमेरिकी जासूसी पर "गहरी असहमति" जताई. फ्रांस के ले मोन्डे अखबार ने खबर दी है कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने फ्रांस की सात करोड़ से ज्यादा टेलीफोन बातचीत सुनी. यह फोन कॉल 10 दिसंबर 2012 से इस साल आठ जनवरी के बीच के हैं. ले मोन्डे के मुताबिक खुफिया एजेंसी अपने आप ही फ्रांस के किसी भी फोन नंबर पर चल रही बातचीत या एसएमएस को चुन कर रिकॉर्ड कर लेती है. इस कार्यक्रम को "यूएस 985 डी" नाम दिया गया है. फ्रांसीसी अखबार ने यह भी लिखा है कि ना सिर्फ आतंकवाद के संदिग्ध लोगों के बल्कि कारोबार और राजनीति से जुड़े कई बड़े लोगों के भी फोन रिकॉर्ड किए गए. एनएसए कॉन्ट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन से मिली जानकारियों में यह नई बात सामने आई है और इसका साया अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी की फ्रांस यात्रा पर गहरा गया है. जॉन केरी सीरिया में जंग खत्म करने पर बातचीत करने पेरिस जा रहे हैं.

इधर जर्मन साप्ताहिक पत्रिका डेयर श्पीगल ने खबर दी है कि एनएसए ने मेक्सिको के पूर्व राष्ट्रपति फेलिपे काल्डेरॉन के ईमेल अकाउंट में भी घुसपैठ की थी. काल्डेरॉन ने इन खबरों के सामने आने के बाद ट्विटर पर कहा है कि यह, "देश की संस्थाओं का अपमान है, क्योंकि यह तब हुआ जब मैं राष्ट्रपति था." रिपोर्ट के मुताबिक एनएसए ने कहा कि इसमें, "कूटनीतिक, आर्थिक और नेताओं की बातचीत शामिल है जिससे मेक्सिको के राजनीतिक तंत्र और आंतरिक स्थिरता के बारे में पूरी जानकारी मिलती है." कथित रूप से एजेंसी ने यह भी कहा है कि राष्ट्रपति का दफ्तर एक "लुभावना स्रोत" है. मेक्सिको के अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने अमेरिका से "जितनी जल्दी मुमकिन हो" जवाब देने को कहा है. मेक्सिको के विदेश मंत्री के मुताबिक, "यह काम अवांछनीय, अवैध, और मेक्सिको और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है."

फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने ओबामा से कहा है कि कथित हरकतें, "दोस्तों और सहयोगियों के बीच स्वीकार नहीं की जा सकती क्योंकि यह फ्रांसीसी नागरिकों की निजता का उल्लंघन करती हैं." फ्रांस के अभियोजकों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. फ्रांस के विदेश मंत्री लॉरां फाबियस ने बताया कि अमेरिकी राजदूत चार्ल्स रिवकिन को मंत्रालय बुला कर इस मामले में फ्रांस की असहमतियों से वाकिफ करा दिया गया है. मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिका के शीर्ष प्रतिनिधि को फ्रांस में चार महीने से भी कम समय में जासूसी के आरोपों के सिलसिले में दो बार तलब किया जा चुका है.

अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने किसी खास आरोप पर प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन यह जरूर कहा कि सहयोगी देशों के विरोध के बाद अमेरिका जानकारी हासिल करने के अपने खुफिया कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहा है. उन्होंने अमेरिकी रुख का बचाव भी किया, "आज की दुनिया में हमारे नागरिकों की सुरक्षा एक बेहद चुनौतीपूर्ण काम है. क्योंकि ऐसे बहुत से लोग हैं, जो दूसरे लोगों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. अपने नागरिकों को बचाने की कोशिश में बहुत से देश लगे हुए हैं. हमारा लक्ष्य हमेशा लोगों की सुरक्षा और निजता को बनाए रखने में सही संतुलन बनाना है." फ्रांसीसी राष्ट्रपति के दफ्तर ने जानकारी दी है कि ओबामा और ओलांद की बातचीत में सच्चाई का पता लगाने और निगरानी कार्यक्रमों का प्रसार तय करने पर चर्चा हुई है.

अमेरिकी खुफिया कार्यक्रमों के बारे में हाल में कई खबरें देने वाले अमेरिकी पत्रकार ग्लेन ग्रीनवाल्ड का कहना है कि अमेरिका ने सभी लातिन अमेरिकी देशों की जासूसी की है. ब्राजील में रहने वाले ग्रीनवाल्ड ने कहा कि वह इलाके में इससे जुड़े हर मामले की खबरे देंगे और उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि अमेरिका के भीतर जासूसी की भी खबरें सामने आएंगी.

एनआर/एएम (एएफपी)

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