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अब नंबर वन दूर नहीं: बोपाना

१४ सितम्बर २०१०

अमेरिकी ओपन के पुरुष डबल्स मुकाबलों के फाइनल में पहुंचने वाले भारतीय टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपाना का मानना है कि अब ऐसाम उल हक कुरैशी के साथ उनकी जोड़ी को नंबर एक बनने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. फिलहाल वे छठे नंबर पर हैं.

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तस्वीर: AP

अपना पहला ग्रैंड स्लैम फाइनल खेल रहे कुरैशी और बोपाना को दुनिया की नंबर एक जोड़ी माइक और बॉब ब्रायन ने हरा दिया. सोमवार को बोपाना से जब पूछा गया कि क्या नंबर एक का खिताब संभव है तो उन्होंने कहा, "क्यों नहीं? हम अब नंबर छह हैं. एक टीम के तौर पर हम नंबर एक बन सकते हैं. अगर यह इस साल नहीं हो पाता है तो अगले सत्र में तो जरूर हो सकता है. ऐसी कोई वजह मुझे नजर नहीं आती कि हम वहां नहीं पहुंच सकते."

कुरैशी के साथ अपनी सफल साझेदारी के बारे में बोपना ने कहा कि वे एक दूसरे को 15 साल से जानते हैं लेकिन साथ खेलने के बारे में गंभीरता से उन्होंने इसी साल जनवरी में सोचना शुरू किया. उन्होंने कहा, "अब तक मैंने डबल्स को कभी गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन इस साल हमने इस बारे में सोचा. तब हमने एक टीम के तौर पर आगे बढ़ने का फैसला किया. यह काफी फलदायी भी रहा है और हम अच्छा कर रहे हैं. बस हमें अपनी रफ्तार बनाए रखनी होगी."

बोपना कहते हैं कि इस साल उन्होंने अलग अलग मैदानों पर अच्छा खेल दिखाया और अमेरिकी ओपन की सफलता ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है. उन्होंने कहा, "अक्सर हम पहला सेट जीतते और फिर दूसरे में पिछड़कर टाइ ब्रेकर तक आ जाते. लेकिन अमेरिकी ओपन में हम ऐसा नहीं चाहते थे. यहां हमने सीधे सेटों में जीतने पर जोर दिया."

हालांकि बोपाना ने कुरैशी के साथ उनकी जोड़ी के राजनैतिक नतीजों को दरकिनार कर दिया. उन्होंने कहा, "हम सिर्फ टेनिस खेलते हैं. हम एक दूसरे को करियर में मदद कर रहे हैं. चूंकि हम शांतिदूत हैं इसलिए हम अपने खेल के जरिए ही शांति फैलाना चाहते हैं. हम इस बारे में किसी और राजनैतिक तरीके से नहीं सोचते."

बोपाना ने कहा कि कुरैशी उनके लिए कोई पाकिस्तानी नहीं बल्कि टेनिस के मैदान पर एक अच्छे दोस्त हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः आभा एम

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