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अफ़ग़ानिस्तान के लिए और सैनिक

१४ नवम्बर २००९

जर्मनी अफ़ग़ानिस्तान में अपने 100 से ज़्यादा और सैनिकों को तैनात करेगा. अफ़ग़ान दौरे पर गए जर्मन रक्षा मंत्री कार्ल थियोडोर त्सुगुटेबर्ग ने कुंदुज़ प्रांत में जर्मन सैनिकों से मुलाक़ात के बाद यह घोषणा की.

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अफ़ग़ान दौरे पर हैं जर्मन रक्षा मंत्रीतस्वीर: AP

अफ़ग़ानिस्तान में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बीच जर्मनी ने वहां अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने का फ़ैसला किया है. अफ़ग़ानिस्तान के दौरे पर गए जर्मन रक्षा मंत्री कार्ल थियोडोर त्सुगुटेनबर्ग ने वहां और 120 सैनिकों की तैनाती का ऐलान किया है. इन अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती जनवरी की शुरुआत से होने लग जाएगी.

जर्मन रक्षा मंत्री गुटेनबर्ग ने कहा, "सबसे पहले मेरे लिए यह ज़रूरी था कि मौक़े पर हालात का जायज़ा लिया जाए. यह ऐसी चीज़ें हैं जिन्हें बर्लिन में बैठकर जांचा नहीं जा सकता. कुंदुज़ और उसके आसपास की हालत ऐसी नहीं है कि कहा जा सके कि सब ठीक-ठाक है. बल्कि यहां अब भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और कुंदुज़ क्षेत्र में विद्रोही मौजूद हैं."

गुटेनबर्ग ने यह घोषणा अफ़ग़ानिस्तान के उत्तरी कुंदुज़ प्रांत में तैनात जर्मन सैनिकों से मिलने के बाद की. गुटेनबर्ग ने यह भी कहा कि त्वरित कार्रवाई बल को कुंदुज़ में ही तैनात किया जाएगा. अपेक्षाकृत शांत माने जाने वाले इस अफ़ग़ान प्रांत में जर्मनी के 4250 सैनिक तैनात हैं और हाल के महीनों में वहां तालिबानी उग्रवादी काफ़ी सक्रिय हैं. राष्ट्रपति हामिद करज़ई के अलावा गुटेनबर्ग ने अफ़ग़ान रक्षा मंत्री अब्दुल रहीम वर्दक से भी मुलाक़ात की जिन्होंने जर्मनी से अफ़ग़ानी सेना के लिए हथियारों की मांग की है.

जर्मनी ने अफ़ग़ानिस्तान से कहा है कि यदि वह उसका भरोसा कायम रखना चाहता है तो उसे देश से अपराध और भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रयास करने होंगे. अफ़ग़ानिस्तान में अब तक 36 जर्मन सैनिक मारे गए हैं औऱ अफ़ग़ान मिशन को लेकर आमतौर पर जर्मनी में सरकार को लोगों का समर्थन नहीं मिल पा रहा है.

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी सैनिक उपस्थिति के सवाल पर अपनी समीक्षा के आख़िरी चरण में हैं. उन्होंने एक सप्ताह की एशिया यात्रा पर रवाना होने से पहले व्हाइट हाउस में युद्ध सलाहकारों के साथ बैठक की. इनमें अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी राजदूत, पूर्व सैनिक कमांडर कार्ल आइकनबैरी के सरोकारों के विषय में बातचीत की गई. एकनबैरी ने अपनी कूटनीतिक विज्ञप्तियों में करज़ई सरकार के कामकाज और तौर तरीक़ों में सुधार से पहले और सैनिक भेजने को लेकर चिंता व्यक्त की है. बताया जाता है कि बैठक में ओबामा ने सैनिकों की संख्या के लिए समय सीमा के साथ साथ इस बारे में और जानकारी की मांग की कि अफ़ग़ान सुरक्षा बल कार्यभार संभालने में कब तक सक्षम होंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/तनुश्री सचदेव

संपादनः ए कुमार