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अफगानिस्तान में रूके सीमा पार आतंक: मोदी

ऋतिका राय (पीटीआई, डीपीए) २५ दिसम्बर २०१५

अफगानिस्तान के दौरे पर गए भारतीय पीएम ने राष्ट्रपति अशरफ गनी से सुरक्षा और द्विपक्षीय सहयोग समेत कई विषयों पर चर्चा की और सीमा पार आतंक के जिक्र में पाकिस्तान की ओर इशारा किया. भारत वापसी से पहले पाकिस्तान का औचक दौरा.

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तस्वीर: Reuters/O. Sobhani

मॉस्को से काबुल पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का परंपरागत तरीके से स्वागत हुआ और फिर सीधे अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात हुई. राष्ट्रपति गनी के अलावा मोदी अफगानिस्तान के सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से मिले और अफगानी संसद को संबोधित किया. पीएम मोदी ने सीमा पार से हो रहे आतंक के प्रवाह को रोके बिना अफगानिस्तान में शांति और विकास का रास्ता तय करना मुश्किल बताया.

भारत ने युद्ध प्रभावित पड़ोसी देश अफगानिस्तान की मदद के लिए 2 अरब अमेरीकी डॉलर से भी अधिक की मदद करने की प्रतिबद्धता जताई. 2007 में दो देशों के बीच दोस्ती और अफगानिस्तान के पुनर्निमाण में सहयोग के प्रतीक के तौर पर भारत की मदद से शुरु हुए संसद निर्माण प्रोजेक्ट का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया. पीएम के दौरे से ठीक पहले भारत ने अफगानिस्तान को तीन एमआई 25 अटैक हेलीकॉप्टर भी सौंपे थे जो कि युद्धग्रस्त देश के प्रति भारत के रुख में बदलाव को रेखांकित करता है. रक्षा विशेषज्ञ इसकी मदद से तालिबानी आतंकियों के खिलाफ संघर्ष में अफगानिस्तान सरकार की क्षमता बढ़ने की उम्मीद जता रहे हैं.

रूस से अफगानिस्तान होते हुए प्रधानमंत्री मोदी की भारत वापसी में पाकिस्तान अहम पड़ाव है. प्रधानमंत्री ने भारत वापसी से पहले अचानक पाकिस्तान जाने की घोषणा कर खलबली मचा दी.

शुक्रवार दोपहर लाहौर पहुंच कर मोदी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं देंगे. दोनों नेताओं के बीच बातचीत का एजेंडा अभी ज्ञात नहीं है. साल 2004 के बाद पाकिस्तान जाने वाले पीएम मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2004 में पाकिस्तान का दौरा किया था. अगले साल एक दक्षेस शिखर सम्मेलन के लिए मोदी का पाकिस्तान का दौरा करने का कार्यक्रम है. पिछले कई दशकों से भारत और पाकिस्तान ने बीच सीमा विवाद और आतंकी हमले प्रायोजित करने का आरोप लगता रहा है. हाल ही में दोनों दक्षिण एशियाई देशों ने अटकी पड़ी शांति वार्ता को फिर से शुरु करने का निर्णय लिया है.