अफगान लड़कियों ने जीता 'संगीत का नोबेल'
१४ फ़रवरी २०१८स्टोकहोम में स्वीडन के राजा कार्ल सोलहवें गुस्ताफ की मौजूदगी में 14 जून को एक टीवी शो के दौरान विजेताओं को दस-दस लाख स्वीडिश क्रोनर (सवा लाख अमेरिकी डॉलर) की राशि दी जाएगी. अफगान राष्ट्रीय संगीत संस्थान और उसके संस्थापक अहमद सरमस्त को भी सम्मानित किया गया है.
उन्होंने 2010 में अफगानिस्तान में संगीत संस्थान खोला था. इसमें अफगान और पश्चिमी, दोनों तरह के संगीत की शिक्षा दी जाती है. बेहद रुढ़िवादी समझे जाने वाले अफगानिस्तान में यह इकलौता ऐसा संस्थान है जहां लड़के और लड़कियां एक साथ पढ़ते हैं. इसी संस्थान की बदौलत अफगानिस्तान में पहला महिला ऑर्केस्ट्रा तैयार हुआ है जिसने पिछले साल दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान परफॉर्म किया था.
सरमस्त के लिए संगीत संस्थान शुरू करने का फैसला खतरे से कम नहीं है. अफगानिस्तान में 1996 से 2001 के बीच तालिबान के शासन में संगीत और लड़कियों को पढ़ाई, दोनों पर ही प्रतिबंध था. लेकिन अब अफगान संगीत संस्थान की लड़कियां देश विदेश में जाकर अपना हुनर दिखा रही हैं. सरमस्त पोलर म्यूजिक प्राइज को लेकर बेहद उत्साहित और सम्मानित महसूस करते हैं.
वहीं अवॉर्ड की प्रबंध निदेशक मैरी लेडिन ने एक बयान में कहा, "हम समझते हैं कि दोनों ही अवॉर्ड विजेता, हालांकि दो बहुत ही अलग दुनियाओं से संबंध रखते हैं, लेकिन वे पोलर म्यूजिक अवॉर्ड के मिशन की शानदार मिसाल पेश करते हैं. यह उन संगीतकारों का सम्मान है जिनके संगीत ने लोगों की जिंदगियों को बदला है." उन्होंने कहा, "दुनिया भर में हार्ड रॉक के करोड़ों फैन मेटालिका को प्यार करते हैं और उन्हें सराहते हैं." मेटालिका हेवी मैटल की दुनिया में एक बेहद प्रभावशाली बैंड है जो दशकों से गुस्से से भरे और आक्रामक संगीत को मुख्यधारा तक लाने में मदद कर रहा है और लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता को बनाए हुए है.
पोलर म्यूजिक प्राइज की स्थापना 1989 में हुई थी. हर साल इसके दो विजेता चुने जाते हैं. इसका मकसद दुनिया भर के संगीत को एक साथ लाकर उसे सीमाओं से मुक्त करना है. इससे पहले यह पुरस्कार स्टिग एंडरसन, बॉब डिलन, ब्योर्क, सोनी रोलिंस और रवि शंकर को मिल चुका है.
एके/ओएसजे (एएफपी)