अफगान जंग रोक दोः होलब्रुक के अंतिम शब्द
१४ दिसम्बर २०१०सर्जरी के लिए जाते समय बेहोश किए जाने से पहले रिचर्ड होलब्रुक ने अपना इलाज करने वाले पाकिस्तानी सर्जन से कहा,"आपको अफगानिस्तान में जंग रोकनी होगी." होलब्रुक के परिवार के एक सदस्य के हवाले से अमेरिका अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने ये खबर छापी है.
अमेरिकी के सबसे अनुभवी कूटनीतिज्ञों में से एक रिचर्ड होलब्रुक की सोमवार को मौत हो गई. वह 69 साल के थे. शुक्रवार को होलब्रुक की तबियत खऱाब होने पर उन्हें वाशिंगटन अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी एक धमनी फट गई थी. वॉशिंगटन पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक करीब 21 घंटे चले ऑपरेशन के बाद उसे ठीक कर दिया गया. हालांकि इसके बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.
होलब्रुक की मौत ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अफगानिस्तान में अपनी नीतियों की समीक्षा कर रहे हैं.
अफगानिस्तान में अमेरिका सेना के योजनाकारों के साथ मिलकर होलब्रुक ने एक साल पहले शुरू की गई योजना के जरिए देश की कृषि, अर्थव्यवस्था और नागरिक संस्थानों में बड़े पैमाने पर सुधार और आम नागरिकों की इसमें भागीदारी के लिए काम किया.
ओबामा प्रशासन पिछले साल 30000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती के बाद देश में आए बदलाव के आधार पर अपनी अफगान नीति की समीक्षा कर इस पर चर्चा करने वाला है. ओबामा प्रशासन ने सैनिकों की ये तैनाती 2011 से सैनिकों की वापसी शुरु कराने के नाम पर की थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः आभा एम