अपनी गाड़ी, अपना नंबर
२२ अगस्त २०१२जर्मनी की गाड़ियों के नंबर में आम तौर पर शहर के लिए अक्षरों के साथ साथ उसकी पहचान के लिए अंकों की संख्या होती है. लेकिन कई कार मालिक अक्षरों में अपने नाम और अंकों में अपना जन्म दिन लगवाना पसंद करते हैं.
जर्मनी के परिवहन मंत्री एक नया कानून पारित करना चाहते हैं ताकि राज्यों को गाड़ियों के नंबर बांटने में और आसानी हो. इससे पुराने नंबरों का भी दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा. यातायात मंत्रालय का कहना है कि कई राज्यों से लोगों ने उनसे अपील की, कि पुराने नंबर प्लेट उन्हें फिर दिला दें. जैसे कि श्लेसविग होल्श्टाइन राज्य में एकर्नफोएर्डे अपना पुराना ईसीके नंबर चाहता है. शहर के मेयर का कहना है कि उनके शहर की पहचान को इससे फायदा होता है. बाडेन व्युर्टेमबर्ग और नार्थराइन वेस्टफेलिया में भी कई शहरों और कस्बों ने नंबर प्लेट बदलवाने की बात की है. एडीएसी कार चालक क्लब के प्रवक्ता मारकुस शेपे ने कहा, "कई ड्राइवर चाहते हैं कि वह अपनी गाड़ियों में अपने रहने की जगह को भी किसी तरह दिखायें."
लेकिन ऐसा करना इतना आसान नहीं होगा. पहले तो इस कानून को जर्मन संसद के ऊपरी सदन बुंडेसराट में पारित कराना होगा. उसके बाद अगर कोई राज्य या कस्बा किसी इलाके में पुराने नंबर का इस्तेमाल करना चाहता है तो उसे परिवहन मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी. और इसके लिए अलग से पैसा भी देना पड़ेगा. लेकिन मंत्रालय ने भी साफ तौर पर कह दिया है कि कुछ अक्षरों पर अभी भी पाबंदी बनी रहेगी. जैसी कि नाजी समय में हिटलर की सेना का हिस्सा रहे एसएस या एसए. पूर्वी जर्मनी के भी कुछ अक्षरों पर मनाही जारी रहेगी. लेकिन अच्छी बात यह है, कि स्थानीय अधिकारी खुद तय कर सकेंगे कि उनके शहर के लिए कैसे अक्षर इस्तेमाल करना वे पसंद करेंगे.
लेकिन जर्मनी में सभी लोग इस प्रस्ताव से खुश नहीं है. कुछ नेताओं का कहना है कि नंबर प्लेट इतने अलग अलग तरीके के होंगे कि समझ पाना ही मुश्किल हो जाएगा. वहीं, गाड़ी के मालिक अगर अपनी मनमानी के लाइसेंस प्लेट रख सकेंगे तो पुलिस को भी गाड़ियां पहचानने में दिक्कत आएगी.
एमजी/ एनआर (डीपीए)