अनिल अंबानी समूह ने ठगने की कोशिश की: सीबीआई
१६ अप्रैल २०११दिल्ली हाई कोर्ट से सीबीआई ने कहा कि स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड अनिल अंबानी के रिलायंस एडीए ग्रुप की ही कंपनी है. स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड को रिलायंस एडीए ग्रुप ने खड़ा किया. 2जी स्पेट्रम से जुड़ी नीति को गुमराह करने के लिए ऐसा किया गया. सीबीआई के मुताबिक स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड की आड़ में रिलायंस एडीए ग्रुप ने टेलीकॉम कारोबार के अन्य दिग्गज प्रतिस्पर्द्धियों की छुट्टी करने की कोशिश की.
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील यूयू ललित ने कहा, ''टेलीकॉम नीति को ठगने और पहले से कारोबार कर रही कंपनियों को यूएएस लाइसेंस के लिए आवेदन करने से रोकने के लिए यह कंपनी बनाई गई.'' स्पेट्रम घोटाले में सीबीआई ने रिलायंस एडीए ग्रुप के मैनजिंग डायरेक्टर गौतम दोषी को साजिश रचने का आरोपी बनाया है.
गौतम के अलावा सुरेंद्र पियापाड़ा और हरी नायर को भी आरोपी बनाया गया है. इन दोनों ने स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड बनाने में अहम भूमिका निभाई. सीबीआई के मुताबिक रिलायंस टेलीकॉम के कर्मचारी आशीष काड़ेकर ने अपनी गवाही में भी यह बात कही है. गवाह बन चुके आशीष के मुताबिक मार्च 2006 में नायर ने उन्हें रिलायंस के अन्य कर्मचारियों को मिलाते हुए चार कंपनियां बनाने का आदेश दिया. सीबीआई के मुताबिक, ''इसके बाद पेरट कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, स्वान कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेब्रा कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, और टाइगर ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनियां बनाई गईं. कागजों पर रिलायंस एडीए ग्रुप के कर्मचारियों को इन कंपनियों का डायरेक्टर बनाया गया.''
भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत कोई भी कंपनी अन्य प्रतिस्पर्द्धी कंपनियों को ऐसे हथकंडे अपना कर नहीं रोक सकती. आरोपों के मुताबिक अनिल अंबानी समूह ने अन्य बड़ी टेलीकॉम कंपनियों को रोकने के लिए यह कंपनियां बनाईं, ताकि कानून से बचते हुए दूसरों की छुट्टी कर दी जाए.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार