अंदर से ऐसा नजर आता है उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया, अमेरिका के साथ अपने टकराव को लेकर सुर्खियों में बना रहता है. ब्रिटिश इंस्टाग्रामर पियरे डिपोंट अकसर इस देश की यात्रा करते हैं. इस दौरान उन्होंने आम जीवन को कुछ इस तरह कैमरे में कैद किया.
सामान्य नजर आता माहौल
अपनी गुप्त छवि के लिए दुनिया भर में मशहूर उत्तर कोरिया, विदेशियों को अकसर बुलाता रहता है. लेकिन एक पर्यटक की तरह भी जब आप इस देश की यात्रा करते हैं तो हर कदम पर खास दिशानिर्देश आपका पीछा करते हैं. लेकिन ऐसे निर्देश पियरी डिपोंट को परेशान नहीं करते, जो सात बार उत्तर कोरिया की यात्रा कर चुके हैं. इन यात्राओं के दौरान वे आम जिंदगियों को जानने की कोशिश करते हैं.
पूंजीवाद की असर
डिपोंट ने उत्तर कोरिया की पहली यात्रा साल 2013 में की थी और इसके बाद तानाशाही वाले देश के बदलते रूप का अध्ययन किया. पिछले दो-तीन सालों में उन्होंने देखा कि "प्योंगयांग में अपने धन को दिखावा किया जाना सामान्य बात है." मध्यम वर्ग और निर्माण कार्यों के विस्तार के साथ, उत्तर कोरिया की राजधानी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंधों को खारिज करती हुई नजर आती है.
राजधानी की गलियां
डिपोंट कहते हैं कि आम लोगों से जुड़ना आसान नहीं है. उन्होंने बताया की जब कुछ अजनबियों से उन्होंने बात की तो देखा कि हमेशा किसी न किसी गाइड की नजर उन पर बनी रही. कोई न कोई उसे सुनता रहा. डिपोंट अपने अनुभव से बताते हैं कि स्थानीय लोगों को फोटोग्राफी भी पसंद नहीं. लेकिन अब उत्तर कोरियाई महिलायें फैशनेबल हो रहीं है. लेकिन फैशन का नजारा भी शहरों में ही नजर आता है.
शहर बनाम गांव
उत्तर कोरिया में शहर बनाम गांव का अंतर साफ नजर आता है. तस्वीर में नजर आ रहे प्योंगयांग के इस स्टेशन में मारबल और बड़े फानूस यात्रियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं. डिपोंट के मुताबिक, "उत्तर कोरिया फोटोग्राफी के लिए खूबसूरत जगह है. कहीं कोई विज्ञापन नहीं, न ही कोई भटकाव है. आपको एकदम नया सा महसूस होगा." लेकिन राजधानी उच्च वर्ग के लिए हैं, क्योंकि देश के अन्य हिस्सों में व्यापक गरीबी है.
आसान नहीं जीवन
सैन्य ताकत से लैस उत्तर कोरिया मुख्य रूप से एक कृषि आधारित समाज है. लेकिन यहां आने वाले पर्यटकों को गांव में रहने वाले लोगों की आम जिंदगियों के बारे में इतना पता नहीं चल पाता. कुल मिलाकर यहां की अपनी मजबूरियां है.
छोटा सा बाजार
पर्यटक, उत्तर कोरिया के शहरों के बाहर के जीवन को देखने में खासी रुचि रखते हैं. इसलिए उन्हें सहकारी फॉर्मों को दिखाने के लिए गाइड टूर पर भेजा जाता है. जब डिपोंट ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर हेमहुंग के नजदीक स्थित फॉर्म का दौरा दिया तो उन्हें कई प्रकार के सामानों से भरा छोटा सा बाजार नजर आया.
हैरान करने वाले मॉडल स्कूल
टूर एजेंडे में एक स्टॉप होता है मॉडल स्कूल का. उत्तर कोरिया के मौजूदा तानाशाह किम जोंग उन ने साल 2014 में रेनोवेशन के बाद इस इंटरनेशनल समर कैंप स्कूल को दोबारा खोला था. डिपोंट कहते हैं कि स्कूल के अंदर का नजारा सबसे हैरानी वाला था. डिपोंट ने बताया कि वहां बच्चे मनोरंजन कक्ष में उन्नत तकनीक वाले अरकाड गेम और 20 एकदम मॉर्डन कंप्यूटरों के साथ खेल रहे थे.
उत्तर कोरिया में बचपन
सेना इस देश की पहचान का मुख्य केंद्र है. देश की करीब एक चौथाई जनसंख्या सेना में काम करती है. उत्तर कोरिया का सैन्य बजट देश के कुल इकोनॉमिक आउटपुट की तुलना में काफी अधिक है. काफी कम उम्र से ही यहां के बच्चों को सेना के बारे में बताया जाने लगता है. डिपोंट को खेल के मैदान के पास ही खिलौनानुमा तस्वीर में नजर आया ये सैन्य टैंक.
नेताओं को पूजते लोग
सैन्यवाद के इतर, किम जोंग उन और उनके पूर्ववर्ती नेताओं को लेकर यहां के लोगों का झुकाव भी एकदम अलग है. डिपोंट को याद है कि कैसे यहां नेताओं को लोग पूजते हैं. इतना ही नहीं समर्पण को बनाए रखने में बड़ी मेहनत और काफी धन खर्च किया जाता है.