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अंतरिक्ष में मिला एक 'बृहस्पति'

७ अगस्त २००९

अंतरिक्ष में तैनात टेलीस्कोप- कैपलर ने बृहस्पति के आकार के एक ग्रह की तलाश की है जो एक दूसरे ग्रह का चक्कर लगा रहा था. वैज्ञानिकों का कहना है उम्मीद है कि कैपलर दूरबीन सुदूर ब्रह्मांड में पृथ्वी जैसे ग्रह को खोज सकती है.

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कैपलर की रूपाकृतितस्वीर: AP

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की अगुवाई में गठित खगोलशास्त्रियों के एक दल का अनुमान है कि कैपलर का ढूंढा ये ग्रह एचएटी पी 7बी उन 300 ग्रहों में से एक है जो अंतरिक्ष में हमारे सौर मंडल से बाहर भटक रहे हैं. साइंस नाम की पत्रिका में छपे अध्ययन के मुताबिक कैपलर दूरबीन और भी छोटे ग्रहों की तलाश कर सकती है. और उनकी तस्वीरें धरती को भेज सकती हैं.

वाशिंगटन में एक प्रेस कांफ्रेंस में कारनेइगी इन्स्टीट्यूशन के एस्ट्रोबाइलोजिस्ट एलन बॉस ने कहा कि ''कैपलर सुदूर अंतरिक्ष में कई निराले धरतीनुमा ग्रहों को खोज सकती है.'' बॉस ने चुटकियां लेते हुए कहा कि ''एक दिन ऐसा ज़रूर आएगा जब हम कुले आसामान के नीचे खड़े होकर कह सकेंगे, देखो वहां जो तारा चमक रहा है उसमें एक पृथ्वी भी है.''

BdT Komet trifft Jupiter
बृहस्पति ग्रहतस्वीर: AP

इसी साल मार्च में कैपलक दूरबीन को अंतरिक्ष में भेजा गया था. इसका मूल उद्देश्य सौर मंडल से बाहर धरती जैसे ग्रहों की पड़ताल करने का ही है. अंतरिक्ष में इसकी पोज़ीशन ऐसी है कि ये पृथ्वी के पीछे घूमता हुआ सूरज के चक्कर काट रहा है. माना जा रहा है कि इसकी ख़ास पोज़ीशन की वजह से ये कुछ नायाब ग्रहों को खोज पाने में सबसे सक्षम हो सकता है.

कैपलर अब तक पचास हज़ार से ज़्यादा तारों और नक्षत्रों की तस्वीरें और डैटा भेज चुका है और वैज्ञानिक उनका अध्ययन कर रहे हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये सवाल हमारे सामने भी है और अंतरिक्ष में तैनात कैपलर टेलीस्कोप के सामने भी कि आखिर वहां कितनी धरतियां हैं जिनकी उसे तलाश करनी होगी.

रिपोर्ट- एजेंसियां/एस जोशी

संपादन- ओ सिंह