हैजे को समझिए
विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ की कोशिश है कि 2030 तक दुनिया भर से हैजे को मिटाया जा सके. भारत में इसका प्रकोप सबसे अधिक है. जानिए हैजे से जुड़ी कुछ जरूरी बातें.
भारत में बुरा हाल
अंतरराष्ट्रीय संस्था वॉटर-एड के अनुसार दुनिया में हैजे से सबसे ज्यादा प्रभावित देश भारत है. यहां सालाना 6,75,000 मामले दर्ज किए जाते हैं. स्वच्छ पानी और साफ शौचालय जैसी सुविधाओं से दूर सबसे बड़ी आबादी भारत में है.
आंकड़े
दुनिया भर में अभी तक 40 देश हैजे की समस्या से जूझ रहे हैं. हर साल करीब 29 लाख मामले सामने आते हैं और 95,000 लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं.
वजह
विब्रियो कॉलरे नाम का बैक्टीरिया इस बीमारी के लिए जिम्मेदार है. संक्रमित पानी और खाने के जरिये यह बीमारी फैलती है. इसकी सबसे बड़ी वजह स्वच्छ पानी और साफ शौचालय की कमी है.
जानलेवा
हैजा होने पर घातक रूप से उल्टी और दस्त होने लगते हैं. इससे शरीर में पानी की इतनी कमी हो जाती है कि कुछ घंटों के भीतर ही व्यक्ति की जान जा सकती है.
छह में से एक
दुनिया भर में करीब सवा अरब लोग इस बीमारी के खतरे में हैं यानी हर छह में से एक व्यक्ति. हैजे से प्रभावित लोगों के इलाज में सालाना दो अरब डॉलर का खर्चा आ रहा है.
यमन के हालात
यमन में अब तक हैजे का सबसे बुरा मामला देखने को मिला है. वहां सात लाख से अधिक लोग हैजे की चपेट में हैं और अप्रैल से नवंबर के बीच दो हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.
और कहां कहां
हैजे से पीड़ित देशों में भारत के बाद अफ्रीकी देश इथियोपिया और नाइजीरिया का नंबर आता है. इसके अलावा बांगलादेश में भी हालात काफी खराब हैं.