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जर्मनी में शुरू हुआ जी टीवी

श्रीनिवास मजूमदारू/ईशा भाटिया२९ जुलाई २०१६

भारत में जी टीवी को घर घर में जाना जाता है. अब यह चैनल जर्मनी में भी पहुंच गया है और वो भी बॉलीवुड के तड़के के साथ.

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Zee TV Bollywood Film Main Tera Hero
तस्वीर: Zee Entertainment Enterprises Limited

जर्मनी में अगर बॉलीवुड का नाम लेंगे तो सबसे पहला नाम सुनने को मिलेगा शाहरुख खान का. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले कुछ सालों से स्थानीय चैनल आरटीएल मुक्य रूप से शाहरुख खान की फिल्मों को जर्मन में डब कर के दिखाता रहा है. लेकिन क्योंकि आरटीएल पर सीमित ही फिल्में देखी गयी हैं, इसलिए बॉलीवुड का मतलब जर्मनी में रहने वालों के लिए रंग बिरंगे कपड़े, खूब सारा नाच गाना और रोने धोने वाली कहानी ही रहा है.

जी टीवी का दावा है कि वह इस छवि में बदलाव लाएगा. 24 घंटे चलने वाला चैनल जी वन दिन भर बॉलीवुड ही दिखाएगा और वो भी जर्मन में. जी टीवी के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने डॉयचे वेले से बातचीत में बताया कि चैनल का टार्गेट ऑडिएंस 19 से 59 साल की महिलाएं है. उन्हें उम्मीद है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की बॉलीवुड में ज्यादा रुचि होगी.

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ब्रिटेन के बाद जर्मनी यूरोप में फिल्मों का दूसरा सबसे बड़ा बाजार भी है. पिछले कुछ समय से यहां नियमित रूप से सिनेमाघरों में बॉलीवुड फिल्में भी लगने लगी हैं. खास कर शाहरुख खान अपनी फिल्मों को जर्मनी में जरूर रिलीज करते हैं. डॉन2 की शूटिंग भी उन्होंने बर्लिन में की और फरवरी की कड़कड़ाती सर्दी में जब वे बर्लिनाले फिल्म महोत्सव पहुंचे, तो उनके इंतजार में करीब एक हजार जर्मन वहां जमा थे.

2014 के आंकड़े बताते हैं कि जर्मनी में कम से कम 80,000 भारतीय रहते हैं. इस लिहाज से सिनेमाघरों के लिए बॉलीवुड फिल्में दिखाना फायदे का सौदा साबित हो रहा है. हालांकि जी टीवी का टारगेट ऑडिएंस भारतीय ना हो कर जर्मन है. और अधिकतर जर्मनों को तीन तीन घंटे लंबी फिल्में देखने की आदत नहीं है. ना ही कहानी के बीच गाने का ब्रेक उन्हें लुभाता है. ऐसे में जर्मनी के बाजार पर अपनी छाप छोड़ना जी टीवी के लिए आसान नहीं होगा.

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जी टीवी का दावा है कि दुनिया के 165 देशों में उसके दर्शक हैं लेकिन जर्मनी को किसी भी विदेशी चैनल के लिए एक चुनौती भरा बाजार माना जाता है. यहां अंग्रेजी फिल्में और अंग्रेजी धारावाहिक भी जर्मन में डब होने के बाद ही टीवी पर दिखाए जाते हैं. सुभाष चंद्रा इन चुनौतियों को जानते हैं. उनका कहना है, "जर्मनी बेहद अहम है क्योंकि हमें लगता है कि अगर हम इस बाजार में सफल हो जाएं, तो दुनिया के किसी भी बाजार में सफल हो सकेंगे."