महीनों तक आईएस के लड़ाकों की यातना सहने के बाद नादिया मुराद और लामिया अजी बशर उनके चंगुल से भाग निकलीं और जर्मनी पहुंचीं. तब से वे आईएस द्वारा बंधक बनाई गईं सैकड़ों लड़कियों की रिहाई के लिए अभियान चला रही हैं.
नादिया मुराद और लमीजा को आईएस के लड़ाकों ने पकड़ कर सेक्स स्लेव बना दिया था. आईएस के कब्जे में कैद यजीदी लड़कियों के लिए उनके प्रयासों के लिए अब उन्हें प्रतिष्ठित सखारोव पुरस्कार दिया गया है.
इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों की हवस का शिकार बनी 23 साल की एक लड़की अब औरों को उम्मीद का रास्ता दिखाएगी. तीन महीने तक आईएस की सेक्स स्लेव रही नादिया मुराद बासी ताहा को यूएन ने अपना गुडविल एम्बैसडर बनाया है.