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कला

प्रोफेशनल फोटोग्राफी के लिए क्यों खतरा नहीं हैं स्मार्टफोन

१० जनवरी २०१७

आईफोन ने फोटोग्राफी को एकदम बदल दिया है. अब हर वह व्यक्ति एक अच्छा फोटोग्राफर है जिसके पास आईफोन है. और सोशल मीडिया पर अच्छी तस्वीरों की बाढ़ आई हुई है. तो क्या इससे प्रफेशनल फोटोग्राफी खतरे में है?

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Symbolbilder zum Thema - Minijobs via Streetspotr und Appjobber
तस्वीर: Imago

जानेमाने फोटोग्राफर डिटमार शेडल ऐसा नहीं सोचते. डिटमार शेडल जर्मन सोसायटी फॉर फोटोग्राफी के अध्यक्ष हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ डुइसबुर्ग-एसन में पढ़ाते हैं. डॉयचेवेले से बातचीत में उन्होंने बताया कि पेशवर फोटोग्राफी को स्मार्टफोन से खतरा क्यों नहीं है.

शेडल कहते हैं कि स्मार्टफोन के बाद चीजें आसान हो गई हैं. वह कहते हैं, "आप बाजार में देखिए. ज्यादातर लोगों के फोन उनकी जेब में नहीं, उनके हाथ में दिखेंगे. यानी वे किसी भी समय फोटो ले सकते हैं. पहले बहुत तैयारी करनी पड़ती थी. अब आप किसी भी पल को फौरन कैद कर सकते हैं." इसका फायदा खुद फोटोग्राफर भी उठा रहे हैं. बहुत से नामी फोटोग्राफर अब कई बार अपना कैमरा घर पर छोड़कर सिर्फ फोन लेकर निकल जाते हैं. लेकिन शेडल इस बात को अलग तरह से देखते हैं. वह कहते हैं कि बड़े फोटोग्राफर स्मार्टफोन को ड्राफ्टिंग टूल की तरह इस्तेमाल करते हैं.

Ditmar Schädel, Fotograf und Vorsitzender der Deutschen Gesellschaft für Photographie (DGPh).
तस्वीर: Thomas Klimeck

शेडल कहते हैं, "वे लोग स्मार्टफोन से फोटो लेकर देखते हैं कि ऑब्जेक्ट में क्या लिया जा सकता है. पहले इस काम के लिए कॉम्पैक्ट कैमरे प्रयोग किए जाते थे." लेकिन शेडल कहते हैं कि असली फर्क अब भी क्वॉलिटी का है. वह कहते हैं कि स्मार्टफोन की फोटो की क्वॉलिटी अब भी प्रोफेशनल कैमरे जैसी नहीं है और यही प्रोफेशनल फोटोग्राफरों की ताकत है. शेडल बताते हैं, "शौकिया फोटोग्राफर अपना फोन लेकर चलते रहते हैं और जहां जो मिलता है खींच लेते हैं. इसके उलट पेशेवर फोटोग्राफर एक खास मकसद के साथ निकलते हैं. वे एक टारगेट तय करते हैं और फिर उसी बारे में तस्वीरें खींचते हैं. कॉन्सेप्ट और थीम को लेकर वे शौकिया फोटोग्राफरों से बेहतर होते हैं."

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हालांकि शेडल इस बात से इनकार नहीं करते कि अब पेशेवर फोटोग्राफरों की कीमत कुछ घटी है. वह कहते हैं कि कई संपादक अब अच्छी तस्वीरों के लिए पैसा देने को तैयार नहीं हैं क्योंकि उन्हें वैसी ही तस्वीरें सस्ते में या कई बार तो मुफ्त में भी मिल जाती हैं. लेकिन शेडल कहते हैं कि आज भी क्वॉलिटी का विकल्प नहीं है, इसलिए फोन की फोटोग्राफी फिलहाल पेशवर फोटोग्राफी के लिए चुनौती नहीं बन पाएगी. हालांकि उन्हें पता है कि तकनीक जिस तेजी से विकास कर रही है, 10 साल में चीजें कहीं ज्यादा बदल सकती हैं.

डागमार ब्राइटेनबाख/वीके