ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने किसी विदेश दौरे पर अपने इस तरह के हुनर को पेश किया हो. इससे पहले 2014 में जापान दौरे पर भी नरेंद्र मोदी को ड्रम्स बजाते देखा गया है. इस बार वे तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन पॉम्बे जोसेफ मागुफुली के साथ वहां के पारंपरिक ढोल बजाते हुए नजर आए. एक मिनट तक दोनों ने जुगलबंदी की और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इस पर ट्वीट भी कर दिया. प्रधानमंत्री के ट्विटर हैंडल से भी अफ्रीका यात्रा के दौरान लगातार ट्वीट हो रहे हैं. लेकिन जो बात लोगों को रास नहीं आ रही, वो यह है कि क्या अफ्रीका पहुंच कर नरेंद्र मोदी को कश्मीर के हालत की कोई जानकारी नहीं है.
सोशल मीडिया पर लोग अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का उदाहरण देते हुए लिख रहे हैं कि अगर डैलास की घटना का पता चलने पर ओबामा अपनी यात्रा को बीच में छोड़ वॉशिंगटन लौट सकते हैं, तो फिर भारतीय प्रधानमंत्री ऐसा क्यों नहीं कर सकते. और अगर वे इतने जरूरी दौरे को बीच में अधूरा नहीं छोड़ सकते, तो कम से कम अपने सैकड़ों ट्वीट में से एक कश्मीर के नाम तो कर ही सकते हैं.
बहरहाल आप वीडियो देखें और यह समझने की कोशिश करें कि क्या ढोल वाकई मोदी और मागुफुली बजा रहे हैं या फिर इसके पीछे भी कोई ट्रिक है. वीडियो के अंत में जिस तरह से ढोल की आवाज पहले बंद होती है और दोनों के हाथ बाद में रुकते हैं, उसे देख कर को कुछ और ही लगता है.
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कहां-कहां चूके मोदी
आईआईटी में संस्कृत
इसी साल अप्रैल में शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में कहा कि आईआईटी से संस्कृत पढ़ाने को कहा गया है. इस प्रस्ताव का देशभर में विरोध हुआ. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि एचआरडी मिनिस्ट्री का नाम बदलकर हिंदू राष्ट्र डेवलपमेंट मिनिस्ट्री कर दिया जाना चाहिए.
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प्रधानमंत्री की डिग्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीए और एमए की डिग्रियों को लेकर देश में जमकर विवाद हुआ. प्रधानमंत्री की शिक्षा पर एक आरटीआई का जवाब न मिलने से यह विवाद शुरू हुआ. आम आदमी पार्टी का दावा है कि उनकी डिग्री फर्जी है. अरुण जेटली और अमित शाह को सामने आकर सफाई देनी पड़ी.
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उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन
9 कांग्रेसी विधायकों के बागी होने पर इसी साल मार्च में केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया. हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार के इस फैसले को गलत करार दिया. मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बहुमत साबित करके फिर से सरकार बना ली.
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कन्हैया विवाद
फरवरी 2016 में जेएनयू छात्र संगठन के अध्यक्ष कन्हैया को राजद्रोह का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया. इसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए. दो और छात्रों को गिरफ्तार किया गया. शिक्षा मंत्री ने दखल देने से इनकार कर दिया. बाद में तीनों छात्र जमानत पर रिहा हुए.
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हैदराबाद यूनिवर्सिटी विवाद
शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी की पांच चिट्ठियों के बाद दलित छात्रों पर हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने कार्रवाई की और पांच छात्रों को सस्पेंड कर दिया. उनमें से एक रोहित वेमुला ने खुदकुशी कर ली. दलित स्कॉलर वेमुला की मौत ने देशभर में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला छेड़ दिया.
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अरुणाचल संकट
बीते साल दिसंबर में अरुणाचल की कांग्रेस सरकार से कुछ बागी विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया. सरकार गिर गई. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्यपाल की मदद से केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को अस्थिर किया. बाद में बागी विधायकों ने बीजेपी की मदद से सरकार बना ली.
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असहिष्णुता और सम्मान वापसी
देश में बढ़ती असहिष्णुता का आरोप लगाकर देश के कई जानेमाने लेखकों, कलाकारों, कवियों, वैज्ञानिकों और फिल्मकारों ने अपने-अपने सम्मान लौटा दिए. जिसके बाद देश में ऐसा विवाद खड़ा हुआ कि बंटवारा स्पष्ट नजर आने लगा.
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ललित मोदी के संबंध
केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भगोड़े ललित मोदी की मदद करने की बात सामने आने के बाद केंद्र सरकार विवादों में घिर गई. सुषमा स्वराज ने कहा कि उन्होंने मानवीय आधार पर मदद की. इसके बाद कई हफ्तों तक संसद ठप रही.
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गोमांस पर बैन
बीते साल हरियाणा और महाराष्ट्र में गोहत्या को लेकर कड़े कानूनों के लागू होने का काफी विरोध हुआ. यहां तक कि यह मुद्दा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित रहा. बीजेपी के कई नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों के भी बयान आए.
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10 लाख का सूट
बीते साल जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सूट पहना उस पर उनका नाम लिखा था. ऐसे आरोप लगे कि यह सूट 10 लाख रुपये में बना है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और सूट-बूट की सरकार कहकर तीखे बाण चलाए.
रिपोर्ट: विवेक कुमार