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आईएस के खिलाफ हथियार बने बॉलीवुड गाने

विवेक कुमार२ जून २०१६

बॉलीवुड के गाने आईएस के खिलाफ लड़ाई में हथियार की तरह इस्तेमाल किए जा रहे हैं. ब्रिटिश सैनिक लीबिया में जोर-जोर से हिंदी गाने बजा रहे हैं.

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Libyen Kämpfe gegen IS in Sirke
तस्वीर: picture-alliance/dpa

आईएस के खूंखार आतंकवादियों से लड़ने के लिए ब्रिटिश सैनिक बॉलीवुड के गानों को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. लीबिया में इस लड़ाई में हिंदी गाने मनोवैज्ञानिक हथियार बन गए हैं. और ऐसा करने की सलाह ब्रिटिश सैनिकों को पाकिस्तानी मूल के एक जासूस ने दी है.

ब्रिटिश आर्मी ने कहा है कि पाकिस्तानी मूल के इंटेलिजेंस ऑफिसर ने सलाह दी कि बॉलीवुड के गानों की धुनें आईएस के आतंकियों को चिढ़ाएंगी क्योंकि वे इस संगीत को गैर-इस्लामिक मानते हैं.

डेली मिरर अखबार ने एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि यह एक मनोवैज्ञानिक लड़ाई है. इस सूत्र ने अखबार को बताया, “हमें आतंकवादियों की ताकत को कम करने के लिए एक ऐसा हथियार चाहिए था जिससे परोक्ष रूप से लड़ा जा सके. और यह सफल रहा है.”

ब्रिटिश सैनिक उस जॉइंट स्पेशल ऑपरेशंस कमांड का हिस्सा हैं जो लीबियाई सैनिकों को आईएस के खिलाफ लड़ने की ट्रेनिंग दे रहा है. आईएस के आतंकी सर्ती शहर पर कब्जा किए हुए हैं और 185 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा पर फैले हुए हैं.

युद्ध में एक मनोवैज्ञानिक ऑपरेशंस यूनिट भी शामिल है. इस यूनिट ने आईएस के संचार माध्यम में घुसपैठ की और फिर बॉलीवुड के गाने बजाने शुरू कर दिए. सर्ती में आतंकियों ने शरिया कानून लागू कर रखा है, जहां पश्चिमी या इस तरह का कोई भी संगीत प्रतिबंधित है.

डेली मिरर के मुताबिक बॉलीवुड म्यूजिक आईएस के लिए घोर अपमानजनक माना जाएगा. ब्रिटिश और लीबियाई सैनिकों ने एक और दिलचस्प काम किया. उन्होंने सर्ती के पास दो कारें खड़ी कर दीं और उनसे तेज आवाज में हिंदी गाने बजा दिए.

मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि यह नया हथियार न सिर्फ आतंकियों को प्रताड़ित कर रहा है बल्कि उनके छिपने के ठिकाने खोजने भी मदद कर रहा है क्योंकि वे लोग एक-दूसरे से रेडियो पर बात कर रहे हैं और गानों की शिकायत कर रहे हैं. उनके बात करने से उनकी सटीक स्थिति का पता चल जाता है.

ब्रिटिश सैनिक लीबिया में खुद लड़ाई में हिस्सा नहीं ले रही हैं. उनका काम सिर्फ ट्रेनिंग देना है. लड़ना लीबियाई सैनिकों का काम है. हालांकि आईएस अगर हमला करता है तो ब्रिटिश वायु और नौसेना जवाबी हमला कर सकती हैं.

एक अनुमान के मुताबिक 20 महीनों से सर्ती पर कब्जा जमाए बैठे आईएस के पास शहर और तटीय इलाकों में चार हजार लड़ाके हैं.

वीके/आरपी (पीटीआई)

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