टेनिस कोर्ट को हिंगिस का अलविदा..
महान स्विस टेनिस खिलाड़ी मार्टिना हिंगिस ने संन्यास लेने की घोषणा की है. बरसों तक कोर्ट पर दम दिखाने वाली इस खिलाड़ी के करियर पर डालते हैं एक नजर.
विरासत में टेनिस
स्विस नागरिक हिंगिस का जन्म 30 सितंबर 1980 को उस वक्त के चेकोस्लोवाकिया के कोसिच में हुआ जो अब स्लोवाकिया में है. उनकी मां मेलानी मिलोतोरोवा और पिता कारोल हिंगिस टेनिस खिलाड़ी थे.
सबसे युवा चैंपियन
मार्टिना 15 साल की उम्र में विंबलडन चैंपियन बन गयी थीं. यह कामयाबी उन्होंने 1996 में हेलेना सुकोवा के साथ महिला डबल्स का खिताब जीत कर हासिल की थी.
ग्रैंड स्लैम सिंगल्स चैंपियन
16 साल की उम्र में मार्टिना हिंगिस 20वीं सदी की सबसे कम उम्र की ग्रैंड स्लैम सिंगल्स चैंपियन बन गयीं. 1997 में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीता. उसी साल उन्होंने विंबलडन और अमेरिकन ओपन भी अपने नाम किया.
टॉप रैंकिंग
वह 1997 में सबसे कम उम्र की दुनिया की नंबर एक टेनिस खिलाड़ी बन गयीं. वह लगातार 80 हफ्तों तक टेनिस की दुनिया की सरताज बनी रहीं. इसके बाद टखने की चोट के चलते उन्हें अपनी टॉप रैकिंग गंवानी पड़ी.
फिर नंबर 1
नौ खिताब जीतने के बाद वह 2000 में फिर से नंबर एक खिलाड़ी बन गयीं. लेकिन टखने की चोट ने उन्हें फिर से परेशान किया और 2001 में टॉप रैंकिंग उनके साथ से एक बार फिर फिसल गयी.
लंबा ब्रेक
चोट के कारण उन्हें जर्मन और इटैलियन ओपन के साथ साथ विंबलडन से भी हटना पड़ा. अक्टूबर 2002 में उन्होंने टेनिस से अनिश्चित समय के लिए ब्रेक लेने की घोषणा की.
वापसी
2006 में मार्टिना हिंगिस ने ऑस्ट्रेलियन ओपन में वापसी की और वह इस प्रतिष्ठित मुकाबले के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचीं. इसी के चलते वर्ल्ड रैंकिंग में वह छठे पायदान पर पहुंच गयीं.
डोपिंग के आरोप
नवंबर 2007 में हिंगिस ने कहा कि उनका कोकेन का टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद उनकी जांच चल रही है. उन्होंने दूसरी बार अपने संन्यास की घोषणा की, लेकिन क्षमता बढ़ाने वाली दवाएं लेने से इनकार किया.
दूसरी बार वापसी
मार्टिना हिंगिस को 2013 में इंटरनेशनल टेनिस हॉल ऑफ फेम में शामिल करने की घोषणा की गयी. वह कैलिफोर्निया में डबल्स टूर्नामेंट खेलने के लिए संन्यास से वापस आयीं.
पेस के साथ जोड़ी
हिंगिस ने भारत के लिएंडर पेस के साथ जोड़ी बनायी और उन्होंने 2015 के ऑस्ट्रेलियन ओपन में मिक्स्ड डबल्स का खिताब जीता. मेलबर्न में 2006 में मिक्स्ड डबल्स का खिताब जीतने के बाद यह हिंगिस का पहला ग्रैंड स्लैम टाइटल था.
तड़ातड़ कामयाबी
उन्होंने भारत की सानिया मिर्जा के साथ मिल कर विंबलडन में महिलाओं का डबल्स खिताब अपने नाम किया. और इसके अगले ही दिन पेस के साथ उन्होंने मिक्स्ड डबल्स मुकाबला भी फतह किया.
एक साल में पांच ग्रैड स्लैम खिताब
2015 में ही उन्होंने अमेरिकन ओपन में भी महिला और मिक्स्ड डबल्स टाइल जीते. इस तरह, 2015 खत्म होते होते एक साल के भीतर उनके पास पांच ग्रैड स्लैम ट्रॉफी थीं.
रियो में रजत
पेस के साथ हिंगिस ने अपना मिक्स्ड डबल्स करियर रोला गैरां पर खेलते हुए पूरा किया. रियो ओलंपिक में वह हमवतन टिमिया बाजिंस्की के साथ खेलीं और महिला डबल्स का रजत पदक जीता.
कामयाबी
2017 में ब्रिटेन के जेमी मरे के साथ उन्होंने विंबलडन और यूएस ओपन में मिक्स्ड डबल्स के खिताब जीते. हिंगिस ने ताइवान के छान युंग जान में फ्लशिंग मीडोज पर भी खिताब उठाया.
शानदार करियर
हिंगिस अब जब टेनिस को अलविदा कह रही हैं तो उनके पास सिंगल और डबल्स के 25 ग्रैड स्लैम खिताब हैं. किसी भी टेनिस खिलाड़ी के लिए ऐसा करियर सपनों की दुनिया से कम नहीं.