स्कूल सुबह नहीं खुलने चाहिए!
स्कूल सुबह क्यों खुलते हैं? जब बच्चे वक्त से नहीं जग पाते तो स्कूल सुबह क्यों खुलें? इन सवालों के पीछे एक वैज्ञानिक तर्क काम कर रहा है.
टीनेजर्स का जल्दी ना उठ पाना उनके एटिट्यूड से नहीं, उनके शरीर से जुड़ा है.
अमेरिका के नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक टीनेजर्स के शरीर को सही तरीके से प्रतिक्रिया करने के लिए और विकसित होने के लिए 8 से 10 घंटे की नींद जरूरी होती है.
मिनेसोटा यूनिवर्सिटी ने एक अध्ययन में पाया है कि औसतन टीनेजर्स को रात 10.45 तक बिल्कुल नींद नहीं आती.
अमेरिका में तो इस बात को लेकर भी बहस चल रही है कि स्कूलों के टाइम बदले जाने चाहिए. ब्राउन यूनिवर्सिटी ने एक अध्ययन के बाद कहा है कि सुबह का स्कूल किशोरों के शरीर के अनुकूल नहीं है.
नींद पूरी ना हो पाने का असर किशोरों के स्वास्थ्य, खासकर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है.
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ जनरल मेडिसिन में छपे एक शोध के मुताबिक जो किशोर 9 घंटे से कम सोते हैं उनमें डिप्रेशन होने की संभावना ज्यादा होती है.
मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के मुताबिक जिन स्कूलों ने अपना वक्त बदला है उनके स्टूडेंट्स के प्रदर्शन में सुधार आया है.