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शक्ति की भक्ति भले न करें लोग, उन्हें भूलते नहीं हैं

वीके/एमजे (यूएनआई)२ सितम्बर २०१६

आऊ... छोटा सा नन्हा सा प्यारा सा बच्चा हूं, क्राइम मास्टर गोगो. शक्ति कपूर के ये डायलॉग्स अब तक लोगों की जबान पर हैं. कुछ तो बात है शक्ति कपूर में.

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Indien Shakti Kapoor
तस्वीर: Getty Images/AFP

हिंदी फिल्म जगत में शक्ति कपूर का नाम उन गिने चुने अभिनेताओं में है जिन्होंने अपने दमदार अभिनय से सिने दर्शकों के दिल में एक ख़ास मुकाम बना रखा है. शक्ति कपूर में एक विशेषता रही है कि वह किसी भी तरह की भूमिका के लिये उपयुक्त हैं. कुर्बानी, आंखें, रामअवतार जैसी फिल्मों में उनकी क्रूर खलनायक की भूमिका हो या फिर हम साथ साथ हैं और अधर्म जैसी फिल्मों में भावपूर्ण अभिनय, या फिर राजा बाबू, मालामाल वीकली और चालबाज जैसी फिल्मों में हास्य, सभी भूमिकाओं में उनका कोई जवाब नहीं.

शक्ति कपूर का जन्म 3 सितंबर 1958 को हुआ था. उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई दिल्ली के मशहूर किरोड़ीमल कॉलेज से पूरी की. शक्ति कपूर ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1973 में अर्जुन हिरांगनी की फिल्म 'कहानी किस्मत की' से की थी. धमेन्द्र और रेखा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में उन्हें एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला और वह दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में असफल रहे.

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अपने वजूद को तलाशते शक्ति कपूर फिल्म इंडस्ट्री में लगभग सात वर्ष तक संघर्ष करते रहे. इस दौरान उनकी दो जासूस, संग्राम, खेल किस्मत का, दरवाजा और दिल से मिले दिल जैसी फिल्में प्रदर्शित हुईं लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कुछ खास फायदा नहीं पहुंचा. वर्ष 1979 में शक्ति कपूर की जानी दुश्मन और सरगम जैसी फिल्में प्रदर्शित हुईं जो उनके करियर में थोड़ा बहुत काम आईं.

शक्ति कपूर की किस्मत का सितारा वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म 'कुर्बानी' से चमका. मारधाड़ और नाच गाने से भरपूर इस फिल्म में शक्ति कपूर ने मुख्य खलनायक की भूमिका निभाई. बेहतरीन गीत, संगीत और अभिनय से सजी फिरोज खान निर्मित इस फिल्म की जबर्दस्त कामयाबी ने अभिनेता शक्ति कपूर को बतौर खलनायक फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया. वर्ष 1981 शक्ति कपूर के सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ. इस वर्ष उन्हें सुनील दत्त के निर्देशन में बनी सुपरहिट फिल्म 'रॉकी' में काम करने का अवसर मिला. इस फिल्म में उन पर फिल्माया गीत आ देखें जरा किसमें कितना है दम श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ. इसी वर्ष उन्हें मनमोहन देसाई के बैनर तले बनी फिल्म सुपरहिट 'नसीब' में भी काम करने का अवसर मिला.

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वर्ष 1982 में शक्ति कपूर के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म 'सत्ते पे सत्ता' प्रदर्शित हुई. सात भाइयों की कहानी पर आधारित इस फिल्म में उन्होंने एक भाई की भूमिका निभाई. इस फिल्म में शक्ति कपूर ने अपने हास्य अभिनय से दर्शकों को लोटपोट कर दिया.

वर्ष 1989 में प्रदर्शित फिल्म 'चालबाज' शक्ति कपूर के करियर की उल्लेखनीय फिल्मों में एक है. पंकज पराशर के निर्देशन में बनी यह फिल्म यूं तो पूरी तरह अभिनेत्री श्रीदेवी पर आधारित थी लेकिन इस फिल्म में शक्ति कपूर ने अपनी छोटी सी भूमिका के जरिये दर्शकों का मन मोह लिया. इस फिल्म में उनका यह संवाद 'मैं एक छोटा सा नन्हा सा प्यारा सा बच्चा हूं' दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था.

90 के दशक में शक्ति कपूर ने अपने अभिनय को एकरपता से बचाने और स्वयं को चरित्र अभिनेता के रूप में स्थापित करने के लिये अपनी भूमिकाओं में परिवर्तन भी किया. इस क्रम में वर्ष 1994 में प्रदर्शित डेविड धवन की सुपरहिट फिल्म राजा बाबू में उन्होंने हास्य किरदार नन्दू को रूपहले पर्दे पर साकार किया. फिल्म में अपने जबरदस्त हास्य अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित भी किये गये.

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वर्ष 1994 में ही शक्ति कपूर के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म 'अंदाज अपना अपना' प्रदर्शित हुई. राज कुमार संतोषी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में शक्ति कपूर के किरदार का नाम था क्राइम मास्टर गोगो. फिल्म में उन्होंने खलनायक की भूमिका कुछ इस तरह से निभायी कि दर्शक हंसते हंसते लोटपोट हो गये. शक्ति कपूर के सिने करियर में उनकी जोड़ी कादर खान के साथ काफी पसंद की गयी. इन दोनों अभिनेताओं ने अब तक लगभग 100 फिल्मों में एक साथ काम किया है. शक्ति कपूर ने अपने सिने करियर में लगभग 450 फिल्मों में अभिनय किया है और आज उसी जोश से सक्रिय हैं.