बांग्लादेश के 'लाल स्वर्ग' में आपका स्वागत है
बांग्लादेश के बारीशाल इलाके में आजकल तालाबों पर फूलों की लाल चादर बिछी हुई है. स्थानीय भाषा में शापला कहे जाने वाले इन फूलों की छठा देखते ही बनती है. आप भी देखिए.
गुल गुलशन गुलफाम..
उजीरपुर उप जिले के सातला गांव में यह तालाब किसी को भी अपनी तरफ खींच सकता है. इस इलाके के कई और गांवों में भी आपको यह खूबसूरत नजारा देखने को मिल सकता है.
कैसे जाएं
इस इलाके में जाने के लिए अक्टूबर से नवंबर तक को सबसे अच्छा समय माना जाता है. ढाका से जिला मुख्यालय बारीशाल पहुंच कर वहां से आपको ऑटो रिक्शा और अन्य कई साधनों को बदलते हुए इस लाल स्वर्ग तक पहुंचना होगा.
सुबह सुबह जाएं
अगर आप शानदार नजारा देखना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि सुबह सुबह वहां पहुंच जाएं. जैसे जैसे दिन चढ़ने लगता है तालाब में फूलों की संख्या कम होती जाती है.
नौका की सवारी
इस सीजन में सैलानी इस इलाके में खूब पहुंचते हैं. तालाबों के पास आपको छोटी छोटी नावें दिखती हैं. स्थानीय नाविक सैलानियों को तालाबों की सैर कराते हैं और इससे उनकी रोजी रोटी चलती है.
फूलों के पारखी
ये फूल न सिर्फ इस इलाके की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं बल्कि कई लोगों के लिए आमदनी का जरिया भी है. ये फूल स्थानीय बाजार में बिकते हैं और बहुत से बच्चे भी इस काम में लगे रहते हैं.
खाना भी हैं ये फूल
स्थानीय लोगों को इस मौसम का खास तौर से इंतजार रहता है. इन फूलों को बड़े शौक से खाया भी जाता है. इनकी तरकारी बनती है. इसके अलावा तालाबों में मछलियां भी खूब मिलती हैं.
आमदनी का जरिया
ये फूल स्थानीय लोगों के लिए अतिरिक्त आमदनी का जरिया हैं, जो इन्हें लेकर बाजारों में बेचते हैं. वैसे साल के ज्यादातर समय अपनी जीविका के लिए खेती और पशुपालन पर निर्भर रहते हैं.
कितना दाम है
बारीशाल, झालाकाठी और फिरोजपुर जैसे जिलों में अलग अलग जगहों पर इन फूलों के बाजार सजते हैं. 15 से 20 फूलों का गुच्छा तीन से पांच टका में बिकता है और लोग शौक से इन्हें खरीदते हैं.
सैलानियों की मंजिल
बांग्लादेश का यह इलाका हाल के समय में सैलानियों की एक पसंदीदा जगह के तौर पर उभरा है. देश के अलग अलग हिस्सों से लोग इस कुदरती खूबसूरती का दीदार करने के लिए यहां पहुंचते हैं.
सरकार की उदासीनता
सरकार के पर्यटन विभाग ने अभी इस इलाके की तरफ कोई खास ध्यान नहीं दिया है. यानी इस इलाके में आने वाले सैलियानों की सुविधा के लिए कोई खास कदम नहीं उठाये गये हैं.