ऐसा बन जाएगा फलीस्तीन
फलीस्तीनी इतिहास का यह सबसे बड़ा निजी हाउसिंग प्रोजेक्ट है. रवाबी शहर में इस प्रोजेक्ट ने आधुनिकता को नए मायने दिए हैं. आप भी देखिए आयु पुरवानिंगसिह की यह की जुटाई यह रिपोर्ट...
पहाड़ी शहर
रवाबी का मतलब है पहाड़ी. हाउसिंग प्रोजेक्ट पहाड़ी में ही बन रहा है. चारों तरफ इस्राएली बस्तियां हैं.
यरुशलेम से 25 किलोमीटर
रवाबी का यह इलाका विवादित जगहों से ज्यादा दूर नहीं है. यहां से रमाल्लाह सिर्फ 9 किलोमीटर दूर है.
पायलट प्रोजेक्ट
निर्माण 2010 में शुरू हो गया था. जब यह पूरा हो जाएगा तो यहां स्कूल, यूनिवर्सिटी, अस्पताल, कल्चरल सेंटर, रेस्तरां, पार्क और मस्जिदें भी होंगी.
नया शहर नया समाज
रवाबी में सिर्फ शहर बसाने की कोशिश नहीं हो रही है, एक नया समाज भी तैयार हो रहा है जो सुकून से जीना चाहता है.
हजारों घर
शुरुआत 5000 घरों से हुई थी जिनमें 25 हजार लोग रह सकेंगे. ऐसे 23 ब्लॉक हैं. अगला निर्माण 40 हजार लोगों के लिए होना है.
अब तक 1200
2015 के आखिर में पहला प्रोजेक्ट खुला था. तब से 1200 लोग यहां रहने आ चुके हैं.
फिल्मस्टार्स भी
योजना कुछ इस तरह की है. और उम्मीद ऐसी है कि बड़े बड़े लोग भी यहां रहेंगे.
मनोरंजन भी
हिंसा पीड़ित इलाके में इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि मनोरंजन को पूरी जगह मिले.
आउटडोर थिएटर
रोमन एंफीथिएटर की शक्ल में यहां भी एक विशाल ओपन एयर थिएटर बनाया गया है.
ऐसे हैं घर
कैसे अपार्टमेंट बनाए जा रहे हैं, उनका नमूना इस गेस्ट रूम से देख सकते हैं.
आधुनिकता का टेस्ट
इंटीरियर और एक्सटीरियर दोनों लिहाज से इन आपार्टमेंट्स को आधुनिकतम बनाने की कोशिश है.
विदेशी निवेश
रमाल्लाह की जनीना विदेशों से निवेश लाने का काम देख रही हैं. अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को लुभाया जा रहा है.
किसने बनाया
रवाबी को डेवलप कर रही है बायती रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट कंपनी. एक अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश होगा.
इनका दिमाग
रवाबी को आधुनिक बनाने का यह सपना देखा है फलीस्तीन के नाबलुस में जन्मे बशर अल-मसरी ने. वह मिस्र और अमेरिका में पढ़े हैं.
तकनीक पर जोर
रवाबी फलीस्तीनियों का ही रचा ख्वाब है. बिल्डिंग टेक्निशियन हैं हनान खलफ.
हमलों के बीच
निवेशकों पर इस्राएल और फलीस्तीन दोनों का दबाव है. फलीस्तीनी आतंकवादी भी खुश नहीं हैं और इस्राएल भी.
पानी की दिक्कत
वेस्ट बैंक की सबसे बड़ी दिक्कत पानी की है. 60 फीसदी हिस्सा इस्राएली प्रशासित है इसलिए पानी की सप्लाई उसके पास है. इसलिए निर्माण भी इस्राएल की मर्जी से चलता है.
उम्मीद
अभी रवाबी में निर्माण जारी है लेकिन फलीस्तीनी लोग एक नई जिंदगी की उम्मीद के साथ यहां रहने आने लगे हैं.