1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अब श्रीनगर जैसा बन जाएगा लंदन!

विवेक कुमार४ अगस्त २०१६

यूरोप में फिर हमला हुआ है. इस बार लंदन में. और इसके साथ ही यूरोप में हथियारबंद जवानों की तैनाती की राह साफ हो गई है. लंदन ने फैसला किया है कि ज्यादा हथियारबंद सुरक्षाकर्मी सड़कों पर होंगे.

https://p.dw.com/p/1JbHs
Großbritannien Messerattacke in London
तस्वीर: picture alliance/ZUMA Press/T. Akmen

लंदन यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश म्यूजियम के नजदीक का यह इलाका रसेल स्क्वेयर कहलाता है. रात के तब 10.30 बजे थे. पुलिस को फोन किया गया कि आतंकी हमला हुआ है. कोई आदमी छुरे से लोगों को घायल कर रहा है. लंदन पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. आनन-फानन में उस इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया. एक महिला सड़क पर खून से लथपथ पड़ी थी. पैरामेडिक्स ने फौरन उसका इलाज शुरू किया. लेकिन वे कुछ नहीं कर पाए. महिला की जान जा चुकी थी. पांच लोगों के शरीर से खून बह रहा था. हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया था. अधिकारियों के मुताबिक यह सिर्फ 19 साल का एक लड़का है, जिसके नाम के आगे अब ताउम्र हत्यारा लिखा जाएगा. आतंकी है या नहीं, अब तक पुलिस को पता नहीं है. पुलिस ने एक बयान में कहा कि लड़के की मानसिक हालत भी संदेह के घेरे में है. बयान के मुताबिक, इस वक्त जांच की जा रही है कि मामला आतंकवाद से जुड़ा है या नहीं.

जो पांच लोग घायल हैं, उनमें से एक अमेरिकी नागरिक बताया जाता है. इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. वैसे, जिस रात यह हमला हुआ है, उसी शाम पुलिस ने ऐलान किया था कि आतंकी हमलों के खतरे को देखते हुए शहर में ज्यादा हथियारबंद सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे.

इस तरह फ्रांस और जर्मनी के बाद आतंकी हमलों का डर लंदन की सड़कों पर भी पसर चुका है. इस डर ने 7 जुलाई 2005 की वे भयानक यादें भी ताजा कर दी हैं जब लंदन की ट्यूब में बम धमाका हुआ था. वह हमला भी इसी रसेल स्क्वेयर के पास हुआ था और तब 26 लोगों की जान चली गई थी.

देखिए, कैसे-कैसे आतंकी हमले हो रहे हैं

लंदन प्रशासन ने शहर में 600 अतिरिक्त जवान तैनात करने का फैसला किया है. यानी अब शहर की सड़कों पर 2800 वर्दीधारी होंगे जिनके हाथों में घातक हथियार होंगे. हालांकि लंदन के पास 31 हजार पुलिसवाले हैं लेकिन उनमें से ज्यादातर हथियारबंद नहीं हैं. लंदन के नए मेयर सादिक खान ने शहर के पुलिस प्रमुख बर्नार्ड होगन-हाव के साथ मिलकर यह योजना बनाई है. होगन-हाव ने कहा, "घातक हथियारों से लैस पुलिस के जवान चाहिए जो हमलावरों को रोक सकें."

यह योजना सिर्फ अंदेशे के आधार पर बना ली गई थी. जर्मनी और फ्रांस में एक के बाद एक हुए आतंकी हमलों को देखते हुए लंदन सतर्क हो गया था. ऐसी रिपोर्टें थीं कि शहर में हमला हो सकता है. लिहाजा पहले से ही मुस्तैद होते हुए पुलिस बल तैनात करने का फैसला ले लिया गया. और जिस रोज इस फैसले का ऐलान किया गया, उसी रोज 19 साल के एक लड़के ने फैसला लेने वालों के हाथ मजबूत कर दिए हैं. इस हमले से पहले ही हाव ने कहा था, "पिछले कुछ हफ्तों से यूरोप में जो हो रहा है, उसे देखकर कोई भी समझ सकता है कि हम अपनी जनता की सुरक्षा के लिए इस तरह की प्रतिबद्धता क्यों दिखा रहे हैं. हमारे कुछ बेहद लोकप्रिय इलाकों में तो पहले से ही हथियारबंद जवान तैनात हैं. जैसे संसद या डाउनिंग स्ट्रीट आदि पर तो ऐसा पहले से है. मुझे लगता है कि लोग समझेंगे जब आपके सामने ऐसे दुश्मन हों जिनके हाथों में बंदूकें हैं, तो हमारे पास भी बंदूक होनी ही चाहिए." और वही हुआ. हमलावर ने चाकू से हमला कर दिया. अब लोग वाकई समझेंगे और मान जाएंगे कि शहर की गली-गली में हथियार लेकर घूमते लोग उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी हैं.

देखिए, फ्रांस में कैसी दहशत पसरी है

लंदन के मेयर सादिक खान ने लोगों से कहा है कि हथियार देखकर डरें नहीं. उन्होंने कहा, "हमें अब अपनी सड़कों पर ज्यादा हथियारबंद पुलिसकर्मी नजर आएंगे लेकिन डरने की जरूरत नहीं है. हमारे सारे पुलिसकर्मी संभावित आतंकी खतरे से लोगों की रक्षा करने की अपनी भूमिका ही निभा रहे हैं."

भारत के लिए यह नजारा सामान्य हो सकता है लेकिन यूरोप के लिए यह एकदम अनोखी चीज है. जर्मनी में भी इस बात को लेकर बहस हो रही है कि सार्वजनिक स्थानों पर सेना की तैनाती की जाए. जर्मन कानून के मुताबिक शहर में सेना की तैनाती सिर्फ आपातकाल के दौरान ही हो सकती है. लेकिन कई नेता इस कानून को पुराना पड़ चुका बताते हैं और कहते हैं कि नए हालात में नई तरह से सोचना जरूरी है. कुछ साल पहले एक भारत आई एक जर्मन लड़की ने श्रीनगर के एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही कहा था, "यह कैसा देश है, जहां आपको बंदूक जैसी खतरनाक चीज इस तरह राह चलते नजर आती है." अब यूरोप भी वैसा ही हो जाएगा.