फोटोग्राफर जिसकी उंगलियां नहीं हैं
यह महिला इंडोनेशिया ही नहीं, पूरी दुनिया की महिलाओं के लिए एक मिसाल है. एक प्रेरणा है. ये तस्वीरें सारी कहानी खुद ही कह रही हैं. देखिए...
असाधारण इंसान
रुसीदाह बदावी कोई सामान्य फोटोग्राफर नहीं हैं. उनके पास ना उंगलियां हैं ना हथेलियां. लेकिन वह फोटोग्राफी करती हैं. 1968 में जन्मीं बदावी को कोई विकलांगता रोक नहीं पाई.
एक हादसे ने बदली जिंदगी
बदावी जब 12 साल की हुईं तो उनके साथ एक हादसा हुआ. और इस हादसे ने उनसे उनके हाथ छीन लिए. लेकिन उनके आदर्श नहीं छीन पाया. वह आगे बढ़ती रहीं.
फोटोग्राफी
हाई स्कूल पास करने के बाद बदावी सोलो शहर के स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर में पढ़ने लगीं. और तब फोटोग्राफी उनकी जिंदगी में आई, एक प्यार बनकर. और फिर वह कभी नहीं छूटा.
और फिर सपना सच हुआ
पढ़ाई के बाद बदावी अपने शहर पुरवोरेद्यो लौटीं और अपना सपना पूरा किया. वह फोटोग्राफर बन गईं. इसके लिए उनके कैमरे में कुछ बदलाव किए गए थे ताकि वह बिना उंगलियों के उसे चला सकें. शुरुआत में सरकारी मदद भी मिली.
कैद में पल
बदावी हर तरह की फोटोग्राफी करती हैं. वह सरकारी कार्यक्रमों में जाती हैं. शादियों की एलबम तैयार करती हैं. और प्रोफाइल फोटो भी खींच सकती हैं.
साधारण सा स्टूडियो
बदावी अब डिजिटल कैमरा इस्तेमाल करती हैं. बयान जिले के बोतोरेयो गांव में उनका छोटा सा स्टूडियो है. उनके पति बर्फ बेचते हैं और उनका भी सहयोग करते हैं.
परिवार
बदावी का एक बेटा है. वह उसे और घर के बाकी कामों को भी अच्छे से संभालती हैं. कोई काम छूटता नहीं है.
और साथ में
बेटे के अलावा बदावी अपने भतीजे का भी ख्याल रखती हैं. भतीजा दया मानसिक रूप से विकलांग है और बदावी ही उसका ख्याल रखती हैं. एपी/वीके