"जी उठी" 1700 साल पुरानी रानी
प्राचीन पेरु की एक रेगिस्तानी घाटी पर कभी उसका राज था. उसकी मौत 1700 साल पहले हो गयी थी. लेकिन वैज्ञानिकों ने थ्री डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी से उसका चेहरा फिर से तैयार कर दिया है.
फिर से साकार
वैज्ञानिकों को 2006 में लातिन अमेरिकी देश पेरु में त्रुजिलो शहर के पास चिकामा घाटी में एक ममी के अवशेष मिले. अब थ्री डी प्रिंटिंग की मदद से वैज्ञानिकों ने उसके चेहरे को साकार कर दिया है.
लेडी ऑफ काओ
इस महिला को लेडी ऑफ काओ का नाम दिया गया क्योंकि उसके अवशेष काओ विएजो नाम की जगह पर मिले थे. इस महिला को हथियारों, मुकुट और सोने से बनी कई चीजों के साथ दफन किया गया था.
पहली शासक
माना जाता है कि यह पेरु में शासन करने वाली पहली महिला थी और उसका संबंध मोचे सभ्यता से था. इस ममी के मिलने से पहले माना जाता था कि प्राचीन पेरु में नेतृत्व सिर्फ पुरूषों के हाथ में था.
टैटू के निशान
इस महिला के शरीर पर सांप, मकड़ी और अन्य कई चीजों के टैटू अब भी साफ देखे जा सकते हैं. इनसे उस दौर में प्रचलित सामाजिक मान्यताओं की झलक मिलती है.
कैसे हुई मौत
माना जाता है कि इस महिला की मृत्य 20 से 25 साल की उम्र के बीच हुई थी. पुरातत्वविदों का अनुमान है कि लेडी ऑफ काओ की मौत गर्भावस्था या बच्चे को जन्म देने के दौरान हुई थी. वरना वह एक स्वस्थ महिला थी.
लंबी कोशिश का नतीजा
वैज्ञानिकों ने दस महीने तक ममी की खोपड़ी के ढांचे का अध्ययन किया और फिर उसकी तुलना पिरामिड के आसपास रहने वाले महिलाओं की तस्वीरों से की. इसके बाद वे लेडी ऑफ काओ का चेहरा तैयार कर पाये.
समृद्ध विरासत
पेरु के संस्कृति मंत्रालय का कहना है कि ममी के चेहरे को तैयार करने का मकसद दुनिया को पेरू की अमूल्य पुरातात्विक खोज और देश की समृद्ध विरासत से रूबरू कराना है.
योगदान
मोचे सभ्यता के दौरान रेगिस्तानों की सिंचाई के लिए नहरें बनायी गयी थीं. पश्चिमी पेरू के पश्चिमी हिस्से में मोचे सभ्यता 100 से 800 ईसवी तक रही. ये लोग सेरेमिक और सोने की बनायी गई चीजों के लिए भी जानते थे.
सेल्फी भी
ममी के इस चेहरे को पेरू की राजधानी लीमा में संस्कृति मंत्रालय में रखा गया है. इसे लेकर लोगों में खासी दिलचस्पी है.