ईशनिंदा के आरोप में तीन महिलाओं ने एक व्यक्ति की हत्या की
२० अप्रैल २०१७यह पाकिस्तान में एक हफ्ते के भीतर ईशनिंदा से जुड़ी दूसरी हत्या है. मामला सियालकोट का है जहां शिया समुदाय से जुड़े फजल अब्बास के घर में ये महिलाएं घुसीं और उनकी हत्या कर दी. उनके सीने में गोली मारी गई. अब्बास के चचेरे भाई अजहर हुसैन ने बताया कि उन पर 2004 में ईशनिंदा का आरोप लगा था. इसके बाद वह डेनमार्क चले गए थे.
हुसैन ने बताया, "वह हाल ही में इस विश्वास के साथ लौटे कि अदालत में खुद को निर्दोष साबित करेंगे और स्थानीय अदालत ने उन्हें जमानत भी दे दी थी." अब्बास के परिवार का आरोप है कि एक कट्टरपंथी गुट के उकसावे पर इन महिलाओं ने इस घटना को अंजाम दिया है.
इससे पहले 13 अप्रैल को मरदान शहर में एक यूनिवर्सिटी छात्र मशाल खान को उसके साथियों ने ईशनिंदा के आरोप में मौत के घाट उतार दिया. इस मामले में कई छात्रों और अध्यापकों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है.
पाकिस्तान में ईशनिंदा बहुत ही विवादित विषय है. इससे जुड़े कानून के तहत मौत की सजा तक का प्रावधान है. लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि कई बार आपसी रंजिश निकालने के लिए इसका दुरुपयोग होता है. आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान में 1990 से कम के कम 66 लोगों की ईशनिंदा के आरोपों में हत्याएं की गई हैं.
2011 में पंजाब के तत्कालीन गवर्नर सलमान तासीर की उनके अंगरक्षक ने ही गोली मारकर हत्या कर दी थी. तासीर ईशनिंदा कानून में सुधार के पैरोकार थे.
एके/एमजे (रॉयटर्स)