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आतंकवादी था इटली की क्रिकेट टीम का पूर्व कप्तान!

वीके/ओएसजे (एएफपी)४ अगस्त २०१६

इटली ने अपनी अंडर-19 क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान को देश से निकाल दिया है क्योंकि वह आईएस का समर्थक था. ऐसा खुफिया जांच में पता चला जिसके बाद उसे पाकिस्तान भेज दिया गया.

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Italien Polizei Kontrolle
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/Telenews

इटली ने एक व्यक्ति को अपने देश से निकाल दिया है. इस व्यक्ति पर इस्लामिक स्टेट के नाम पर देश में आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप था. आफताब फारूक नाम का यह शख्स पाकिस्तानी मूल का है. और इसकी एक पहचान और है. इटली की युवा क्रिकेट टीम का कप्तान रह चुका है.

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक आफताब फारूक को फोन टैपिंग के जरिए पकड़ा गया. वह फोन पर बात कर रहा था कि मिलान में एक वाइन शॉप पर या फिर उत्तरी इटली के बरगाम में एयरपोर्ट पर हमले के लिए क्लाशनिकोव इस्तेमाल की जाए और या बम. एक इतालवी अखबार के मुताबिक फोन पर उसने कहा कि ज्यादा जरूरी यूरोपीय लोगों को डराना है.

मंगलवार को इटली के गृह मंत्री ऐंजेलियनो अलफानो ने कहा कि 26 साल का फारूक आईएस का समर्थक है और सीरिया जाने की योजना बना रहा था. इस खबर से वे लोग हैरान हैं जो फारूक के साथ सालों से रह रहे थे. फारूक जब 13 साल का था तब से इटली में रह रहा था. वह मिलान के पास वापरियो डे अडा में अपने परिवार के साथ रहता था.

2009 में वह इटली की अंडर-19 क्रिकेट टीम का कप्तान रहा. अखबार गजेटा डेलो स्पोर्ट की साप्ताहिक पत्रिका स्पोर्टवीक में उसकी फोटो भी छपी थी. बुधवार को अखबारों ने यह फोटो फिर से जारी की. साथ ही फारूक की और भी कई तस्वीरें जारी हुईं जिनमें वह इटली की यूनिफॉर्म में नजर आया. वह कई अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में देश का प्रतिनिधित्व कर चुका था.

देखें, किस देश ने बुर्का बैन कर रखा है

फारूक के बेहद करीबी और किंग्सग्रोव मिलानो क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष फाबियो माराबिनी इस खबर से आहत हैं. उन्होंने ला स्टांपा अखबार को बताया, "हम पर तो यह खबर बिजली की तरह गिरी है. अब तक मुझे यकीन नहीं हो रहा है. जिस दिन उसे इस्लामाबाद के लिए विमान में चढ़ाया गया, उससे एक दिन पहले भी मेरी उससे बात हुई है. उसने पिछले कुछ सालों में मैंने उसके लिए जो भी किया, उसके वास्ते शुक्रिया अदा किया. वह डरा हुआ था और कह रहा था कि पाकिस्तान में वह किसी को भी नहीं जानता."

फारूक खेलों का सामान बेचने वाली कंपनी डेकाथलन के लिए काम करता था. उसे स्नोबोर्डिंग बहुत पंसद थी. ला स्टांपा अखबार ने लिखा है कि वह खाली समय में अपंग लोगों के लिए बस ड्राइवर के तौर पर अपनी सेवाएं भी देता था. मारबिनी तो मान ही नहीं पा रहे हैं कि फारूक किसी को नुकसान पहुंचाएगा. उन्होंने कहा, "वह तो एक मच्छर भी नहीं मार सकता. उसे राष्ट्रीय टीम का कप्तान इसलिए तो बनाया गया था कि वह एक भरोसेमंद इन्सान था. वह हमेशा दूसरों की मदद को तैयार रहता था."

तस्वीरें: सबसे खूनी साल बन गया है 2016

लेकिन एंटी-माफिया पुलिस की रिपोर्ट अलग कहानी कहती है. ला स्टांपा ने इस रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि वह पिछले एक साल में फारूक के व्यवहार में बड़े बदलाव आए थे. उसने अपनी पत्नी को पीटना शुरू कर दिया था और उसे बुर्का पहनने को मजबूर करता था.

फारूक को देश से निष्कासित कर दिया गया है लेकिन उसका परिवार इस निष्कासन को यूरोपीय मानवाधिकार कोर्ट में चुनौती देने पर विचार कर रहा है.