रोबोट का पहला 'नस्ली हमला'
७ दिसम्बर २०१६यह रोबॉट फेशियल रेकगनीशन सॉफ्टवेयर पर काम करता है. जब इसके सामने एशियाई मूल का एक व्यक्ति आया तो सॉफ्टवेयर ने उसकी आंखों को बंद बता दिया.
रिचर्ड ली नाम के यह सज्जन अपना पासपोर्ट रिन्यू कराने गए थे लेकिन वह नाकाम रहे क्योंकि ऑनलाइन पासपोर्ट फोटो चेकर सॉफ्टवेयर ने उनकी फोटो को खारिज कर दिया. न्यूजीलैंड में गृह मंत्रालय इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहा है. 22 साल के इंजीनियरिंग स्टूडेंट ली को सॉफ्टवेयर ने कहा कि तस्वीर सही नहीं है क्योंकि इसमें आंखें बंद हैं जबकि ली की आंखें पूरी तरह खुली हुई थीं. ली ने सॉफ्टवेयर के दिए जवाब को फेसबुक पर पोस्ट किया और अब यह वायरल हो गया है.
इस बारे में ली ने बताया, "बुरा मानने की बात नहीं है लेकिन मेरी आंखें तो बचपन से छोटी हैं. और चेहरा पहचानने की यह तकनीक कमोबेश नई है और अभी पूरी तरह विकसित नहीं है. लेकिन कोई बात नहीं. यह एक रोबॉट ही तो था. आखिर में तो मेरा पासपोर्ट रिन्यू हो ही गया."
न्यूजीलैंड के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि ऑनलाइन दाखिल की जाने वाली तस्वीरों में से लगभग 20 फीसदी किसी न किसी वजह से खारिज हो जाती हैं. उन्होंने कहा, "खारिज होने की सबसे आम वजह यही बताई जाती है कि आंखें बंद हैं. इस मामले में भी सॉफ्टवेयर ने वही मेसेज आगे सरका दिया. यह एक गलती थी." उन्होंने बताया कि बाद में सॉफ्टवेयर ने ली की फोटो को स्वीकार कर लिया था.
वीके/एके (रॉयटर्स)