सऊदी मेगासिटी नियोम में क्या होगा खास?
सऊदी अरब ने 500 अरब डॉलर की लागत से एक इंवेस्टमेंट मेगासिटी बनाने की योजना पेश की है. नियोम के नाम से बसने वाला यह शहर एक निवेश और कारोबारी हब होगा, जिससे हजारों नौकरियां और अरबों का निवेश आने की उम्मीद है.
आकार
नियोम 26,500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला होगा और इसकी सीमाएं जॉर्डन और मिस्र को छूएंगी. अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो यह धरती पर इमरातों का सबसे बड़ा परिसर होगा.
लोकेशन
नियोम की लोकेशन बेहद अहम है. यह लाल सागर के तट पर स्थित होगा. वहां से स्वेज नहर दूर नहीं होगी, जहां से हर साल हजारों जहाज गुजरते हैं. दुनिया का लगभग 10 फीसदी कारोबार इसी रास्ते से होता है.
महत्वाकांक्षी परियोजना
यह मेगासिटी सऊदी अर्थव्यवस्था में विविधता लाने की क्राउन प्रिंस की महत्वाकांक्षी परियोजना "विजन 2030" का हिस्सा है. वह तेल पर सऊदी अरब की निर्भरता को कम करके आर्थिक विकास की नई संभावनाएं पैदा करना चाहते हैं.
निवेश
सऊदी अरब की योजना इस मेगा सिटी में पांच सौ अरब डॉलर का निवेश करने की है. इस इकोनोमिक जोन में स्थानीय और विदेशी, दोनों ही तरह के निवेशकों का योगदान होगा.
कब तक
चरण का काम 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है. इस काम में सऊदी अरब को वित्तीय ही नहीं, बल्कि बड़े तकनीकी संसाधनों की जरूरत होगी.
पुल की योजना
सऊदी अरब और मिस्र के बीच एक आधुनिक पुल बनाने की योजना भी है. जानकार मानते हैं कि यह पुल सिर्फ दो देशों को नहीं बल्कि दो महाद्वीपों, अफ्रीका और एशिया को भी जोड़ेगा.
जीडीपी में योगदान
माना जा रहा है कि 2030 तक सऊदी अरब के सकल घरेलू उत्पाद में नियोम का योगदान 100 अरब डॉलर होगा. तब तक उसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी दुनिया में सबसे ज्यादा होने का अनुमान है.
फोकस
मेगा सिटी परियोजना का फोकस ऊर्जा और पानी, यातायात समाधान, बायोटेक्नोलोजी, अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल साइंस, फूड, मीडिया प्रॉडक्शन के साथ साथ मनोरंजन और पर्यटन उद्योग पर होगा.
मुफ्त इंटरनेट
अक्षय ऊर्जा से पूरा किया जाएगा और वहां सभी को मुफ्त इंटरनेट मिलेगा. सऊदी क्राउन प्रिंस के मुताबिक यह मेगा सिटी बेहद "उन्नत" होगी, जहां बिना ड्राइवरों वाली कारें होंगी या शायद आने-जाने का कोई और उन्नत तरीका हो.
नए कानून
सऊदी अरब के बेहद कड़े इस्लामी कानून इस मेगासिटी में लागू नहीं होंगे. विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नियोम में उदार और लचीले कानून होंगे. मिसाल के तौर पर महिला और पुरुष साथ काम कर पायेंगे.