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बीजेपी एक तीर से कई निशाने साधने में जुटी

प्रभाकर मणि तिवारी
२३ मई २०१७

पूर्वोत्तर राज्य असम से केंद्र की एनडीए सरकार की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित समारोहों की शुरूआत कर बीजेपी एक तीर से कई निशाने साधने का प्रयास कर रही है.

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Brücke über Brahmaputra fluss in Assam, Indien
तस्वीर: DW/Prabhakar

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम के गुवाहाटी शहर से एनडीए सरकार की तीसरी वर्षगांठ मनाने की शुरूआत कर रहे हैं. वे इस मौके पर भारत-चीन सीमा पर ब्रह्मपुत्र में बने देश के सबसे लंबे नदी पुल का भी उद्घाटन करेंगे. संयोग से असम की बीजेपी सरकार की पहली वर्षगांठ भी इसी मौके (24 मई) पर है.

मकसद

एनडीए सरकार की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित समारोह देश के विभिन्न शहरों में 26 मई से 15 जून तक होंगे. इसकी शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के असम दौरे और जनसभा से होगी. बीजेपी इस मौके पर खासकर अपने शासन वाले राज्यों में मोदी (MODI) यानी मेकिंग ऑफ डेवलप्ड इंडिया महोत्सव मनाने की तैयारी में जुटी है.

पूर्वोत्तर से एनडीए सरकार की तीसरी वर्षगांठ मनाने की शुरूआत करने की कई वजहें हैं. इनमें सबसे प्रमुख तो है अगले साल इलाके के तीन राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय और मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव. बीजेपी इन राज्यों में भी सत्ता में आने के सपने देख रही है. ये चुनाव मोदी और बीजेपी प्रमुख अमित शाह के लिए अहम हैं. असम, अरुणाल प्रदेश और मणिपुर में सत्ता पर काबिज होने के बाद पार्टी अब पूर्वोत्तर के बाकी चार राज्यों में भी अपना परचम फहरने का प्रयास कर रही है.

अमित शाह हाल में त्रिपुरा का दो-दिवसीय दौरा भी कर चुके हैं. इसके साथ ही दो साल बाद लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं. पूर्वोत्तर क्षेत्र की 25 सीटें किसी भी पार्टी के लिए अहम हैं. बीजेपी अभी से इन पर कब्जे की जमीन तैयारी करना चाहती है.

इसके अलावा लुक ईस्ट नीति के तहत पड़ोसी देशों से रिश्ते मजबूत करने के लिए भी असम एक बेहतर लॉन्चिंग पैड है. मोदी गुवाहाटी में एक जनसभा को संबोधित करने के अलावा एम्स की आधारशिला भी रखेंगे.

Brücke über Brahmaputra fluss in Assam, Indien
तस्वीर: DW/Prabhakar

अहम है ब्रिज

ब्रह्मपुत्र पर बना 9.15 किमी लंबा यह ढोला-सदिया ब्रिज रणनीतिक तौर पर काफी अहम है. यह मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से भी 3.35 किमी लंबा है. असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल बताते हैं, "असम और अरुणाचल प्रदेश के आम लोगों के अलावा सेना और सुरक्षा बल के जवान भी बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल करेंगे." इस ब्रिज का निर्माण वर्ष 2011 में शुरू हुआ था और इस पर 950 करोड़ रुपये की लागत आई है.

अब इसके शुरू होने पर अरुणाचल के लोग तिनसुकिया स्थित रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट तक आसानी से पहुंच सकेंगे. अरुणाचल में कोई नागरिक एअरपोर्ट नहीं है. यह ब्रिज भारत-चीन सीमा से महज सौ किमी दूर है. सोनोवाल कहते हैं, "रणनीतिक लिहाज से असम और अरुणाचल की काफी अहमियत है. चीन की सीमा के पास होने की वजह से इसकी सहायता से किसी संघर्ष की स्थिति में सेना की टुकड़ियां भारी-भरकम साजो-सामान के साथ आसानी से आवाजाही कर सकेंगी."

दोहरा उत्सव

केंद्र सरकार की तीसरी वर्षगांठ मनाने के साथ ही राज्य की सोनोवाल सरकार भी अपनी पहली वर्षगांठ मनाने की बड़े पैमाने पर तैयारी कर रही है. वहीं कांग्रेस ने 28 मई को "विश्वासघात दिवस" के तौर पर मनाने का ऐलान किया है. पार्टी 45 दिनों तक राज्य के हर जिले व ब्लॉक में आंदोलन करेगी जिसकी शुरूआत "विश्वासघात दिवस" से होगी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा कहते हैं, "केंद्र की एनडीए सरकार और राज्य की बीजेपी सरकार ने चुनाव से पहले किये गए वादों से मुंह मोड़ लिया है. पार्टी इसके खिलाफ जमीनी स्तर पर आंदोलन करेगी ताकि बीजेपी और संघ का असली चेहरा सामने आ सके."

दूसरी ओर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास कहते हैं, "हम भी 28 मई को जवाबी कार्यक्रम करेंगे. लेकिन फिलहाल इसका खुलासा नहीं किया जा सकता." वह बताते हैं कि पार्टी हर जिले में बीजेपी सरकार की एक साल की उपलब्धियों का विस्तार से प्रचार करेगी.

राजनीतिक विज्ञान के एक प्रोफेसर अर्णव गांगुली कहते हैं, "बीजेपी ने तमाम पहलुओं पर विचार करते हुए इलाके में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए ही यह रणनीति बनाई है. यही वजह है कि पहले तैयार होने के बावूद ब्रह्मपुत्र पर बने ब्रिज के उद्घाटन का समय इस तरह तय किया गया है वह जयंती समारोहों का हिस्सा बन सके."