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#MeToo: एमजे अकबर ने इस्तीफा दिया

१७ अक्टूबर २०१८

कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने इस्तीफा दे दिया.

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M J Akbar - Vom Journalist zum Politiker
तस्वीर: IANS

कई महिला पत्रकारों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद पूर्व संपादक एम.जे. अकबर ने विदेश राज्य मंत्री पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया।

'मी टू' अभियान के सामने आने के बाद भारतीय राजनीति में यह पहला इस्तीफा है. इस्तीफे की घोषणा करते हुए संक्षिप्त बयान में अकबर ने कहा कि वह इस बात को उचित मानते हैं कि अपने ऊपर लगे आरोपों का कानूनी रूप से निजी क्षमता से सामना करेंगे. उन्होंने अपना इस्तीफा रविवार को विदेशी दौरा पूरा करके आने के दो दिन बाद दिया है.

इस मामले पर चुप्पी साधे रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्ष लगातार हमलावर बना हुआ था. अकबर ने इस बारे में मानहानि का मुकदमा दायर किया लेकिन उसके बाद भी उनके ऊपर बढ़ते आरोपों के बीच उनका सरकार में बने रहना काफी मुश्किल प्रतीत हो रहा था.

अकबर ने कहा, "मैंने निजी क्षमता से कानून की अदालत में न्याय पाने का निर्णय लिया है, इसलिए मैं पद से हट जाने को उचित मानता हूं और मैं मेरे विरुद्ध लगे आरोपों के खिलाफ निजी क्षमता से लड़ूंगा."

उन्होंने कहा, "इसलिए मैंने विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रति देश की सेवा करने का अवसर देने के लिए काफी आभारी हूं."

विदेशी दौरे से रविवार को वापस आने के बाद, मंत्री ने 15 महिला पत्रकारों द्वारा लगाए गए आरोपों को 'फर्जी और आधारहीन' बताया था और इसके साथ ही उन्होंने इन लोगों के खिलाफ मुकदमा करने की धमकी भी दी थी. आरोप लगाने वाली अधिकतर महिलाओं ने उनके अधीन एशियन एज अखबार में काम किया है.

अकबर ने उनके ऊपर सबसे पहले आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ सोमवार को मानहानि का मुकदमा किया था. 67 वर्षीय अकबर वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. उन्हें 2016 में सरकार में शामिल किया गया था.

एके/आईबी

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