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अब समुद्र में तैरने के लिए तैयार है मर्सिडीज

विवेक कुमार
२३ दिसम्बर २०१६

मर्सिडीज ने तैरना सीख लिया है. इसके लिए जर्मनी की कार कंपनी ने ब्रिटेन की कंपनी सिल्वर एरो मरीन के साथ साझेदारी की है. वह लक्जरी बोट की स्पेशलिस्ट है. मकसद है कि समुद्र पर कैब्रियो ड्राइव करने की फीलिंग लाना.

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तस्वीर: Colourbox/M. Shmeljov

सिल्वर एरोज मरीन के सीईओ जैकोपो स्पाडोलिनी कहते हैं कि एक यॉट कार जैसा नहीं हो सकता क्योंकि समुद्र की पृष्ठभूमि बदलती रहती है, यह सड़क नहीं है इसलिए आपको आरामदेह और सुविधाजनक ड्राइविंग की फीलिंग आनी चाहिए.

मर्सिडीज की यह लक्जरी बोट उसी डिजायन से निकली है जिससे एस-क्लास का कैब्रियो मॉडल निकला था. यॉट में चारों तरफ शीशे हैं जो एक बटन दबाते ही खुल जाते हैं. और तब आपको हवा में होने का अहसास होता है. कैब्रियो का अहसास बोट पर, यही इस डिजायन का मूल मंत्र है. गॉर्डन वागेनर ने इसे डिजायन किया. वे 2008 से मर्सिडीज कारों के डिजायन के लिए जिम्मेदार हैं.

वह बताते हैं, "यह बोट पानी पर तैरने वाली दूसरी नावों से इसलिए एकदम अलग दिखती है क्योंकि यह ऑटोमोटिव फॉर्म को पानी पर लाती है. इसे कूल होना चाहिए. और जब लोग कहते हैं कि ये कूल है तो उनका मतलब क्या होता है? उनका मतलब होता है कि वाओ, ऐसा तो हमने पहले कभी देखा ही नहीं. और इसका दूसरा हिस्सा हिल्कुल हॉट है."

देखिए पानी पर तैरते थाईलैंड के बाजार

ऑटो कंपनियां बोट भी बनाएं इसमें कुछ नया नहीं है. सालों से पोर्शे, एस्टन मार्टिन, फरारी और बुगाटी जैसी कंपनियां छोटे बड़े जहाज बना रही हैं. कार कंपनियों का मकसद है कि कोट डे आजुर में महंगे यॉट के साथ दिखने वाले रईस ग्राहकों को कार उद्योग के लिए जीतना. एक यॉट के लिए 25 लाख यूरो खर्च करने वाले लोग कारों के भी शौकीन होते हैं. वागेनर के लिए यॉट बनाना बहुत खास प्रोजेक्ट है.

स्पाडोलिनी कहते हैं कि पानी पर ये अकेला ब्रांड है जो एकदम अलग है. जो अब तक मर्सिडीज कारों का इस्तेमाल नहीं करते थे, वे मर्सिडीज बोट की ओर आकर्षित होंगे. किसी ब्रांड को दूसरे सेग्मेंट में ले जाना जाना बड़ी चुनौती होती है. क्योंकि इसके लिए पहले तो जर्मन कार निर्माता की डिजायन कंसेप्ट को बोट पर लागू करना होगा. और यह कोई आसान काम नहीं है. स्डोलिनी तो कहते हैं कि यदि आप जानें कि किस मैटीरियल से बोट बनाई जाती है, तो यह फॉर्म बनाना सचमुच मुश्किल है. दरअसल आप कहेंगे कि छोड़ो, इसे बनाने की जरूरत नहीं.

देखिए अब ऐसे हवई जहाज बनेंगे

सिल्वर एरोज मरीन के बोट निर्माताओं को इस बोट को बनाने में 5 साल लगे जो उनके अजीबोगरीब डिजायन की कसौटियों पर खरी उतरती थी और डूबती भी नहीं थी. वागेनर बताते हैं कि डिजायन से कोई समझौता नहीं किया गया. वह कहते हैं, "हमने सचमुच कोई समझौता नहीं किया, छोटी छोटी चीजों का ख्याल रखा, क्लैंप को नीचा किया. हमें नया अलग क्षितिज मिला जिससे हमें अपने मुख्य कारोबार यानी कार के डिजायन में इस्तेमाल करेंगे." हर साल इसके दस मॉडल तैयार किए जाएंगे, ग्राहकों के लिए.