इन देशों में जाते हैं सबसे कम सैलानी
दुनिया में सैलानियों के पसंदीदा देशों के बारे में तो आप खूब सुनते होंगे. लेकिन आज जानिए उन देशों को जब पर्यटकों को सबसे कम पसंद आते हैं.
सान मारिनो
संयुक्त राष्ट्र के विश्व पर्यटन संगठन के अनुसार सान मरीनो यूरोप में सैलानियों का सबसे कम पसंदीदा देश है. चारों तरफ से इटली से घिरे सान मरीनो में 2016 में सिर्फ 60 हजार पर्यटक गए.
लिश्टेनश्टाइन
यह यूरोप का ऐसा दूसरा देश है जहां सबसे कम लोग घूमने जाते हैं. इस छोटे से देश में सिर्फ 69 हजार सैलानी गए. वैसे जर्मनी और ऑस्ट्रिया के बीच बसा यह देश हाइकिंग, माउटेन बाइकिंग और वॉटर स्पोर्ट्स के लिए बढ़िया है.
मोल्डोवा
यूक्रेन और रोमानिया के बीच स्थित मोल्डोवा की राजधानी किशिनाउ है, जहां कई मध्य युगीन किले, रोमन इमारतें और कई पुरातात्विक महत्व के स्थल हैं. फिर भी वहां ज्यादा पर्टयक नहीं जाते. 2016 में सिर्फ 1.21 लाख सैलानी वहां गए.
भूटान
भूटान में 2016 में 2.09 लाख सैलानी पहुंचे. यह वहां एक साल में जाने वाले सैलानियों की रिकॉर्ड संख्या थी. 2012 में पूरे साल में सिर्फ 12 हजार लोग भूटान घूमने गए थे. खूबसूरत भूटान अपने ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस की वजह से दुनिया भर में मशहूर है.
बांग्लादेश
सैलानियों की पसंदीदा जगहों की सूची में बांग्लादेश भी बहुत नीचे आता है. विश्व पर्यटन संगठन के पास बांग्लादेश को लेकर 2014 के आंकड़े हैं जिनके मुताबिक उस साल 1.25 लाख सैलानी बांग्लादेश गए थे.
तिमोर लेस्टे
एशिया में तिमोर लेस्टे ऐसा देश है जहां सबसे कम लोग घूमने जाते हैं. हालांकि तिमोर द्वीप का यह पूर्वी हिस्सा कोरल रीफ से घिरा है और उसके अंदरूनी इलाके में आदिकालीन पर्वतीय जंगल हैं. वहां 2016 में 66 हजार सैलानी गए.
ब्रूनेई
दक्षिण पूर्व एशिया में बसा एक छोटा सा देश है, जो अपने घने वर्षावनों के लिए मशहूर है. ब्रूनेई में सुल्तान ओमर अली सैफुद्दीन मस्जिद इस्लामी आर्किटेक्टर का शानदार नमून है. एक साल में वहां 2.19 लाख पर्यटक गए.
किरिबाती
प्रशांत एशिया क्षेत्र में बसा किरिबाती 33 छोटे छोटे द्वीपों पर बसा है. इसकी राजधानी साउथ तरावा के तटों पर दूसरे विश्व युद्ध की लड़ाई हुई थीं. आज फिशिंग और गोताखोरी में दिलचस्पी रखने वाले यहां जाते हैं. लेकिन 2016 में वहां सिर्फ चार हजार पर्यटक गए.
तुवालु
दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित तुवालु ऐसा देश है जहां सबसे कम पर्यटक जाते हैं. 2016 में सिर्फ दो हजार लोग तुवालु गए. हालांकि वहां अपराध बहुत ही कम हैं. तुवालु की अपनी कोई सेना भी नहीं है. आबादी भी सिर्फ दस हजार के आसपास है.
मोंटसेरराट
यह कैरेबियन क्षेत्र में ब्रिटेन की ओवरसीज टेरिटरी है. यहां 2016 में लगभग 9000 लोग घूमने के इरादे से गए. इस तरह यह कैरेबियन इलाके में सैलानियों का सबसे कम पसंदीदा क्षेत्र है.
फ्रेंच गुयाना
यह दक्षिण अमेरिका में फ्रांस की ओवरसीज टेरिटरी है. वहां 2016 में 2.07 लाख सैलानी पहुंचे. यानी यह लातिन अमेरिका में सैलानियों की सबसे कम पसंदीदा जगह है. इसके बाद सूरीनाम का स्थान आता है जहां 2.28 लाख लोग गए.
बेलीज
बेलीज मध्य अमेरिका में बसा एक देश है जिसे 21 सितंबर 1981 को आजादी मिली. सुंदर बीचों के अलावा यहां देखने को बहुत कुछ है. फिर भी, वहां ज्यादा पर्यटक नहीं जाते हैं. 2016 में 3.86 लाख सैलानियों ने बेलीज का रुख किया.
कोमोरो
मैडागास्कर के पास समंदर में द्वीपों के झुरमुट पर बसा है यह छोटा सा देश, जिसे प्राकृतिक सुंदरता का खजाना कहा जा सकता है. 2015 में लगभग 24 हजार लोग ही कोमोरो घूमने गए.
सिएरा लियोन
विश्व पर्यटन संगठन सिएरा लियोन को दुनिया का सबसे तेजी से उभरता टूरिस्ट डेस्टिनेशन बताता है. 2015 में 24 हजार वहां घूमने गए थे जबकि 2016 में यह आंकड़ा 74.40 हजार रहा. सुंदर बीच और मुस्कराते लोग सैलानियों को खींच रहे हैं.
जिबूती
जिबूती पूर्वी अफ्रीका में बसा एक छोटा सा देश है जहां के लोगों को चाय बहुत पंसद है. यहां की आबादी में पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या ज्यादा है. सैलानियों को अपनी तरफ खींचने में अभी यह देश पिछड़ रहा है. 2016 में 51 हजार सैलानी जिबूती गए.
कुवैत
कुवैत मध्य पूर्व का ऐसा देश है जहां सबसे कम लोग घूमने जाते हैं. 2016 में सिर्फ 1.82 लोग कुवैत घूमने गए. 1990 में इराकी शासक सद्दाम हुसैन ने कुवैत पर हमला किया था. लेकिन अब वहां पूरी तरह शांति है.