चंडीगढ़ बनाने वाले का कमाल
1952 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के कहने पर चंडीगढ़ बसाने वाले ली कर्बुजिए दुनिया के महान आर्किटेक्ट्स में से हैं. देखिए, उन्होंने और क्या-क्या बनाया है...
लिटल हाउस, स्विट्जरलैंड
लेक जिनीवा के किनारे उन्होंने 'लिटल हाउस' बनाया था. 1924 में यह घर उन्होंने अपने माता-पिता के लिए बनाया था.
विला गुएटे, बेल्जियम
मशहूर पेंटर गुएटे के लिए यह घर बेल्जियम के शहर एंटवर्प में बनाया गया। 1926 में यह घर अपने आप में एक क्रांतिकारी डिजायन था.
वीसनहोफ विला, जर्मनी
1927 में श्टुटगार्ट में आर्किटेक्चर की प्रदर्शनी के लिए कर्बुजिए ने दो घर बनाए. पहली बार खिड़कियों को इस तरह कतार में बनाया गया था.
सिटे राडियूज, फ्रांस
मार्सेलेस शहर में 1947 से 1952 के बीच बनाई गई यह हाई-राईज बिल्डिंग शहरों की बढ़ती आबादी को हल करने के लिए पहला विकल्प बन गई थी.
पिलग्रिमेज चैपल, फ्रांस
इस इमारत को कर्बुजिए के सबसे अच्छे कामों में गिना जाता है. 1950 से 1955 के बीच बनी इस इमारत ने टूरिस्टों को अपनी ओर खूब आकर्षित किया.
कुरुटशेट हाउस, अर्जन्टीना
अर्जन्टीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में यह घर एक सर्जन पेड्रो कुरुटशेट के लिए बनाया गया था. अब इसमें एक म्यूजियम बनाने की तैयारी है.
नेशनल म्यूजियम ऑफ वेस्टर्न आर्ट, जापान
1959 में बनाई गई यह इमारत टोक्यो में है. इस दोमंजिला भवन को कर्बजिए ने अपने जापानी छात्रों से बनवाया था.
और यह है चंडीगढ़
भारत में आज भी ऐसा कोई शहर नहीं है. इसके बाद भी कई नए शहर बस चुके हैं लेकिन चंडीगढ़ की बात ही कुछ और है.