खतरे में दुनिया का सबसे बड़ा शरणार्थी शिविर
दुनिया का सबसे बड़ा शरणार्थी शिविर अफ्रीकी देश केन्या में है जिसमें लगभग दो लाख साठ हजार लोग रहते हैं. लेकिन शरणार्थियों के इस बसेरे पर खतरा मंडरा रहा है.
शरणार्थियों का बसेरा
केन्या के डडाब शिविर को 1991 में कायम किया गया था. इसमें रहने वाले ज्यादातर लोग सोमालिया से हैं, जो वहां जारी संकट के कारण जान बचाकर भागे हैं. कुछ लोग तो यहां 20 साल से रह रहे हैं.
सुरक्षा को खतरा
केन्या की सरकार इस शरणार्थी शिविर को बंद करना चाहती है. वह इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानती है. उसका कहना है कि केन्या में हाल में हुए कई हमलों की योजना इसी कैंप में बनी थी.
सरकारी निर्देश
पिछले साल इस शिविर को बंद करने का निर्देश जारी हुआ, जिसके मुताबिक यहां रहने वाले दो लाख 60 हजार लोगों को जबरदस्ती सोमालिया वापस भेजा जाना है.
समयसीमा बढ़ी
विरोध के चलते इस शिविर को बंद करने की समयसीमा को नवंबर 2106 से मई 2017 तक बढ़ दिया गया. लेकिन केन्या के हाई कोर्ट ने कैंप को बंद करने की सरकार कोशिशों को तगड़ा झटका दिया है.
अदालत सख्त
अदालत ने अपने फैसले में सरकार के कदम को सामूहिक रूप से लोगों को प्रताड़ित करने के बराबर बताया है. लेकिन सरकार इसे सुरक्षा का मुद्दा बताती है.
कानून के विपरीत
केन्या के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और एक मानवाधिकार संस्था ने सरकार के कदम को अदालत में चुनौती दी थी. उन्होंने कहा कि सरकार का कदम भेदभावपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के विपरीत है.
निशाने पर केन्या
केन्या ने 2011 में अल कायद से जुड़े आतंकी संगठन अल शबाब से लड़ने के लिए अपने सैनिक सोमालिया में भेजे थे. तब से उसके यहां कई बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं.
हमलों की साजिश
सरकार का कहना है कि 2013 में राजधानी नैरोबी के वेस्ट मॉल और 2015 में गैरिसा यूनिवर्सिटी में हुए हमले की योजना डडाब कैंप में ही बनी थी. हालांकि इस बारे में पुख्ता सबूत नहीं दिए गए हैं.
बेहाल सोमालिया
सोमालिया में दशकों से अशांति है. 2012 में अंतरराष्ट्रीय समर्थन वाली नई सरकार बनने के बाद देश में धीरे धीरे स्थिरता आ रही है, लेकिन अब भी अल शबाब के चरमपंथी एक बड़ी चुनौती हैं.