गद्दी छोड़ना चाहते हैं जापानी सम्राट
८ अगस्त २०१६सोमवार को देश के नाम दिए अपने संदेश में सम्राट अकीहितो ने कहा, "मुझे चिंता है कि जिस तरह मैं अब तक राज्य के प्रमुख के तौर पर अपने फर्ज निभाता आया हूं, उन्हें आगे जारी रखना मेरे लिए मुश्किल हो जाएगा." 82 साल के सम्राट ने आगे कहा, "कई बार मुझे अपनी सेहत के कारण बाध्यता महसूस होती है."
अकीहितो ने साफ साफ पद छोड़ने की घोषणा नहीं की बल्कि इशारों में ऐसा जताया. फिर भी जापान सरकार ने इसके यही मायने समझा है कि सम्राट जल्द ही पदत्याग कर सकते हैं.
सम्राट के पदत्याग की घोषणा के बाद जापान में एक नई कानूनी प्रक्रिया की शुरुआत होगी. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सम्राट के इस संदेश पर फौरी प्रतिक्रिया देते हुए यही कहा कि सरकार उनकी टिप्पणी को "गंभीरता" से लेगी. आबे ने कहा, "सम्राट पर जिम्मेदारियों के बोझ और उनकी उम्र को देखते हुए हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है."
सम्राट के भविष्य पर अटकलें लगना पिछले महीने से ही शुरु हो गया था. ऐसी कुछ रिपोर्टें सामने आईं थीं जिनमें सम्राट के नजदीकी लोगों के हवाले से उनकी बढ़ती उम्र के कारण औपचारिक कर्तव्यों को निभाने में आ रही दिक्कतों का जिक्र था. और ये भी बताया गया था कि कुछ सालों में वे गद्दी छोड़ देंगे.
मगर अब सीधे सम्राट की तरफ से आए संदेश से वो अटकलें जल्द ही सच साबित होती दिख रही हैं. अपने आज तक के शासनकाल में ये केवल दूसरा मौका था जब सम्राट ने राष्ट्र को सीधा संदेश दिया हो. पहला मौका तब था जब मार्च 2011 में आई तिहरी प्राकृतिक आपदा - भूकम्प, सुनामी और परमाणु दुर्घटना - से उनका द्वीपीय राष्ट्र बुरी तरह प्रभावित हुआ था.
जापान के राजपरिवार को दुनिया की सबसे पुरानी आनुवंशिक राजशाही माना जाता है. जापानी मान्यताओं के अनुसार वे पिछले करीब 2,600 सालों से निरंतर चले आ रहे शाही परिवार के शासन को मानते हैं.
सम्राट अकीहितो ने 1989 से जापाने के राष्ट्र प्रमुख हैं. उनके पिता के समय हुए युद्ध के बाद से देश के भीतर और विदेशों से संबंध सुधारने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है. घरेलू मोर्चे पर युद्धग्रस्त ओकिनावा, सायपान, पलाऊ इलाके और विदेशी मोर्चे पर फिलिपींस के सात लड़ाई में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए की गईं उनकी प्रार्थना सभाओं से कईयों के घाव भरने में मदद मिली थी.
अकीहितो के सम्राट के पद से हटने के फैसले को जनता का भी समर्थन प्राप्त है. जापान के ही क्योडो न्यूज के हाल ही में कराए सर्वे से पता चलता है कि करीब 85.7 प्रतिशत लोग ऐसे कानूनी बदलाव लाए जाने के पक्ष में हैं जिससे पदत्याग का रास्ता साफ हो. आधुनिक जापान में यह पहला मौका होगा जब किसी सम्राट ने राजगद्दी छोड़ने की घोषणा की हो.