इन भारतीयों को मिला है नोबेल पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार को दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है. चलिए जानते हैं अलग अलग क्षेत्रों में अब तक कितने भारतीय या भारतीय मूल के लोगों को यह पुरस्कार मिला है.
रवींद्रनाथ टैगोर
टैगोर एक कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे. गुरुदेव के नाम से मशहूर रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य का नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय थे. उनके कविता संग्रह गीतांजलि के लिए उन्हें 1913 में यह पुरस्कार दिया गया. 1901 में उन्होंने शांति निकेतन की स्थापना की, जो बाद में विश्वभारती विश्वविद्यालय के नाम से प्रसिद्ध हुआ.
चंद्रशेखर वेंकटरमन
डॉ. चंद्रशेखर वेंकटरमन भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय थे. तमिलनाडु के तिरुवाइक्कावल में जन्मे वेंकटरमन ने बताया कि जब कोई प्रकाश किसी पारदर्शी पदार्थ में से होकर गुजरता है तो कुछ परावर्तित प्रकाश अपना तरंगदैर्ध्य बदल लेता है. इस खोज को 'रमन प्रभाव' का नाम दिया गया और इसी के लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला.
हरगोबिंद खुराना
हरगोबिंद खुराना को चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया. भारतीय मूल के डॉ. खुराना का जन्म पंजाब में रायपुर (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था. 1960 में वह विस्कॉसिन विश्वविद्यालय में प्राध्यापक बने. उन्होंने अपनी खोज से आनुवांशिक कोड की व्याख्या की और प्रोटीन संश्लेषण में इसकी भूमिका का पता लगाया.
मदर टेरेसा
मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला. उनका जन्म अल्बानिया में हुआ था. 1928 में वह मिशनरी बनकर 1929 में कोलकाता आ गईं. गरीब और बीमार लोगों की सेवा के लिए उन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी नाम की संस्था बनाई. कुष्ठ रोगियों, नशीले पदार्थों की लत के शिकार और दीन-दुखियों के लिए निर्मल हृदय नाम की संस्था बनाई.
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर
1983 में भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता बने भारत के डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर. वह नोबेल विजेता सर सीवी रमन के भतीजे थे. उनकी शिक्षा चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में हुई. बाद में चंद्रशेखर अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने खगोल शास्त्र तथा सौरमंडल से संबंधित विषयों पर अनेक पुस्तकें लिखीं.
अमर्त्य सेन
1998 में अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र का नोबेल दिया गया. यह पुरस्कार पाने वाले न सिर्फ पहले भारतीय, बल्कि पहले एशियाई भी रहे. उन्होंने लोक कल्याणकारी अर्थशास्त्र की अवधारणा का प्रतिपादन किया है. उन्होंने कल्याण और विकास के विभिन्न पक्षों पर अनेक किताबें लिखी हैं. इसके अलावा उन्होंने गरीबी और भुखमरी जैसे विषयों पर काफी काम किया.
वी एस नायपॉल
मूल के ब्रिटिश लेखक वीएस नायपॉल को 2001 में साहित्य के नोबेल से नवाजा गया. उनका जन्म त्रिनिडाड में हुआ जहां भारत से जाकर उनके पू्र्वज बसे थे. 2008 में द टाइम्स ने उन्हें 50 महान ब्रिटिश साहित्यकारो की सूची में सातवां स्थान दिया. ए हाउस फॉर मिस्टर विस्वास, इन फ्री स्टेट, ए बेंड इन द रिवर और द एनिग्मा ऑफ अराइवल उनकी मशहूर कृतियां हैं.
वेंकटरमण रामकृष्णन
मूल के अमेरिकी विज्ञानी वेंकटरमण रामकृष्णन को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में साल 2009 का नोबेल पुरस्कार दिया गया. यह पुरस्कार उन्हें अमेरिकी वैज्ञानिक थॉमस ए. स्टेट्ज और इस्राएल की अदा ई. योनथ के साथ संयुक्त रूप से दिया गया. इन वैज्ञानिकों को राइबोसोम की संरचना और कार्यप्रणाली पर अध्ययन के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया.
कैलाश सत्यार्थी
भारत में बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाले कैलाश सत्यार्थी को 2014 में शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्होंने बचपन बचाओ आंदोलन नाम की संस्था बनाई है. उन्हें पाकिस्तान में लड़कियों के हक की आवाज उठाने वाली मलाला यूसुफजई के साथ साझा तौर पर यह सम्मान दिया गया.