120 साल के हैं स्वामीजी!
नाम: स्वामी शिवानंद. पता: बनारस. उम्र: 120 साल. इतने दिन तक जिंदा रहने की वजह: योग और ब्रह्मचर्य. जानिए, इस शख्स के बारे में जो अब का दुनिया का सबसे लंबे समय तक जीने वाला इंसान होने का दावा करता है.
120 वर्ष
भारत में अब तक के सबसे उम्रदराज व्यक्ति का दावा है कि उनकी उम्र 120 वर्ष हो चुकी है. उनका कहना है कि मसालों और सेक्स से दूरी और रोजाना योग के बूते पर ही वह इतने लंबे समय तक जी सके हैं.
तीसरी सदी
हिंदू सन्यासी स्वामी शिवानंद की जन्म की तारीख लिखी है 8 अगस्त 1896. अगर यह तारीख सच्ची है तो वह तीन सदियां देख चुके हैं. और अगर यह उम्र सच्ची है तो फिर आप निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि उनकी त्वचा से उनकी उम्र का पता ही नहीं चलता.
गिनेस बुक की चाह
शिवानंद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने के लिए अर्जी दे रहे हैं. वह चाहते हैं कि उन्हें दुनिया के सबसे उम्रदराज व्यक्ति के रूप में दर्ज किया जाए. अब तक यह रिकॉर्ड जापान के जीरोमॉन किमूरा के नाम है. किमूरा की जून 2013 में मौत हो गई थी. तब वह 116 वर्ष और 54 दिन के थे.
पासपोर्ट में एंट्री
भारतीय पासपोर्ट अधिकारियों ने शिवानंद की आयु की पुष्टि एक मंदिर के रजिस्टर की एंट्री से की थी. बहुत से भारतीयों के लिए तो जन्म के रिकॉर्ड यही एकमात्र दस्तावेज होता है. लेकिन इसके अलावा, वास्तविकता में उनकी आयु की पुष्टि आसान नहीं होगी.
त्वचा से पता नहीं चलता
शिवानंद भारतीय मीडिया में खबरों में बने रहे हैं. अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया ने तो लिखा था कि वह अपनी आयु से 50 वर्ष कम के लगते हैं. लेकिन उनकी आयु का दावा अभी दावा ही है, कोई तथ्य नहीं.
दाल, चावर और मिर्ची
शिवानंद वाराणसी के रहने वाले हैं. योग, अनुशासन और ब्रह्मचर्य को ही उन्होंने अपना जीवन बना लिया. वह कहते हैं, "मैं बहुत ही सादा और अनुशासित जीवन जीता हूं. बहुत साधारण खाना खाता हूं. उबला हुआ, जिसमें ना तेल होता है ना मसाले. जैसे उबली हुई दाल के साथ चावल और साथ में दो हरी मिर्च." यह बातचीत करने से पहले शिवानंद ने दो घंटे तक योग किया था.
दूध और फल भी नहीं
मात्र पांच फुट दो इंच के कद वाले स्वामीजी जमीन पर एक चटाई बिछा कर सोते हैं. लकड़ी की एक पटरी को तकिया बनाते हैं. वह बताते हैं, "मैं दूध या फल लेने से भी बचता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह मजेदार किस्म के खाने होते हैं. बचपन में तो अक्सर भूखा ही सोया करता था."
क्यों चाहिए नाम
शिवानंद का कहना है कि उन्होंने अब तक ऐसा कोई दावा नहीं किया क्योंकि उन्हें यश का लोभ नहीं है. लेकिन अब उनके अनुयायी चाहते हैं कि उनका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो जाए.
खुश रहो, स्वस्थ रहो
नई और बदलती दुनिया को देखकर वह कहते हैं कि लोग पहले कम चीजों में ज्यादा खुश रहते थे, अब बेइमानी बढ़ गई है जिससे मुझे दुख होता है. मैं चाहता हूं कि लोग खुश, स्वस्थ और शांत रहें.