पाकिस्तान को ये जवाब दे सकता है भारत
पाकिस्तान से होने वाले आतंकी हमलों के बाद हर बार भारत के सामने एक ही सवाल होता है कि क्या जवाब दें. एक नजर भारत सरकार के पांच संभावित कदमों पर:
पहला कदम
भारत में कई राजनेता और पूर्व सैन्य अफसर सरकार से मांग कर रहे हैं कि वो सीमा पार कर पाकिस्तान में आंतकवादी ट्रेनिंग कैंपों पर हवाई हमले करे. लेकिन जानकारों का कहना है कि भारत के पास इस तरह की क्षमता नहीं है. उसने कभी पहले ऐसा नहीं किया और इससे बड़ी जंग शुरू होने का खतरा है. वहीं कुछ लोगों की राय है कि भारत को गुपचुप तरीके से नियंत्रण रेखा के उस पार अभियान चलाना चाहिए.
दूसरा कदम
भारत अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों को दशकों से इस बात के लिए राजी करने में जुटा है कि पाकिस्तान को ‘एक आतंकवादी राष्ट्र’ मानते हुए अलग थलग किया जाए ताकि उस पर अपने यहां से सक्रिय चरमपंथियों पर कार्रवाई करने का दबाव पड़े. लेकिन भारत की ये कोशिशें अब तक कोई खास रंग नहीं ला पाई हैं.
तीसरा कदम
भारतीय मीडिया ये भी कह रहा है कि भारत को पाकिस्तान से अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लेना चाहिए. पाकिस्तान उच्यायुक्त को दिल्ली से निकालने की मांगें भी उठ रही हैं.
चौथा कदम
भारत पर अकसर आरोप लगते रहे हैं कि वो पाकिस्तान के संसाधनों से मालामाल बलूचिस्तान प्रांत में अलगाववादी गुटों को मदद दे रहा है. 2016 में लाल किले से अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने बलूचिस्तान के संघर्ष का जिक्र किया और वहां के लोगों को खुले तौर पर समर्थन जताया. विशेषज्ञ कहते हैं कि बलूचिस्तान के स्वतंत्रता संघर्ष को जोर शोर से उठा कर मोदी पाकिस्तान पर दबाव बना सकते हैं.
पांचवां कदम
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत पाकिस्तान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए अभियान शुरू कर सकता है. ठीक वैसे ही प्रतिबंध जैसे अमेरिका ने ईरान पर लगाए थे. लेकिन इनका असर ज्यादा हो पाएगा, ये कहना मुश्किल है क्योंकि पाकिस्तान के साथ भारत का अपना व्यापार बहुत ही कम है. अगर बहुत सारे देशों को भारत ऐसे प्रतिबंधों लगाने के लिए राजी कर ले तो दूसरी बात है.