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समाज

जर्मनी के लोगों को रेल से भारत दर्शन की दावत

अशोक कुमार
१५ मार्च २०१८

भारत में रेल को लाइफलाइन कहा जाता है. अब सरकार देश के विशाल रेलवे नेटवर्क के जरिए विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने में जुटी है और उन्हें ट्रेन के जरिए भारत दर्शन की दावत दे रही है.

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Indien Luxuxszug Maharajas Express
तस्वीर: Getty Images/AFP/Deshakalyan Chowdhury

बर्लिन में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मेले (आईटीबी) के मौके पर भारत ने अपनी लग्जरी ट्रेनों की खासियतों बताईं और जर्मन लोगों से इन ट्रेनों के जरिए भारत की विविध और रंग बिरंगी संस्कृति से रूबरू होने को कहा. 12 हजार ट्रेनों और सात हजार रेलवे स्टेशनों के साथ भारत दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्कों में शुमार होता है. जिन ट्रेनों को जर्मन सैलानियों के सामने खास तौर से पेश किया गया, उनमें महाराजा एक्सप्रेस, बुद्धिस्ट सर्किट ट्रेन और होम ऑन व्हील ट्रेन शामिल हैं.

शाही अंदाज में मेहमानवाजी के लिए मशहूर महाराजा एक्सप्रेस सैलानियों को भारत के अहम ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन कराती है. उसके सात रातों और आठ दिन के पैकेज में नई दिल्ली से लेकर आगरा, रणथंबौर, जयपुर, जोधपुर, अंजाता और मुंबई जैसे कई अहम ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल शामिल हैं. वहीं बुद्धिस्ट सर्किट ट्रेन अपने मुसाफिरों को लुंबिनी, बोध गया, वाराणसी और कुशीनगर समेत उन सभी जगहों पर लेकर जाती है जो गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़े हैं. 2007 में शुरू की गई इस ट्रेन का मकसद दुनिया भर के बौद्ध तीर्थ यात्रियों को आकर्षित करना है. वहीं होम ऑन व्हील आपको बिल्कुल घर जैसा अहसास देती है और आपको भारत दर्शन कराती है.

आईटीबी के लिए बर्लिन आए भारतीय रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि भारतीय रेल सिर्फ एक जगह से दूसरी जगह जाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह अपने आप में एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी है. उन्होंने कहा कि मौजूदा लग्जरी ट्रेनों के अलावा इस तरह और ट्रेनें लाई जा रही हैं. डीडब्ल्यू से बातचीत में लोहानी ने कहा कि रेल के साथ विदेशी सैलानियों का अनुभव अच्छा रहे, इस पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया, "साफ सफाई पर खास तौर से ध्यान दिया जा रहा है. यात्रियों के लिए सुविधाओं और सुरक्षा को बेहतर किया जा रहा है. स्टेशनों को बेहतर बनाया जा रहा है. वहां सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं और वाईफाई की सुविधा दी जा रही है. मकसद यही है कि कुल मिलाकर यात्रियों का अनुभव अच्छा रहे."

Indien Ashwani Lohani
लोहानी कहते हैं कि यात्री सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा हैतस्वीर: DW/Ashok Kumar

इसके बावजूद भारत में ट्रेन देरी से चलने के लिए बदनाम हैं और जर्मन लोग पूरी दुनिया में समय के पाबंद होने के लिए मशहूर हैं. इस बारे में अश्विनी लोहानी कहते हैं, "भारतीय रेल की समयबद्धता में इजाफा हो रहा है. हम लोग रेलवे को सुधार रहे हैं. पंक्चुएलिटी इतनी भी खराब नहीं है. लेकिन हां, जर्मन लोगों जैसी पंक्चुएलिटी तो नहीं हो सकती. लेकिन जब आप किसी पर्यटन स्थल या हिल स्टेशन पर जाते हैं, तो आपके मन में यही बात रहती है कि हम उस जगह को जाकर देखें. ऐसे में अगर थोड़ी बहुत देर हो जाए, तो फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन हां, हम पंक्चुएलिटी को बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं."

आईटीबी के मौके पर भारत के पर्टयन मंत्री केजे अलफोंस भी बर्लिन में थे. डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत अगले तीन साल में भारत आने वाले सैलानियों की संख्या को दोगुना करना चाहता है. उन्होंने कहा कि भारतीय लग्जरी ट्रेनों जैसा आरामदायक सफर आपको पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा. साथ ही उन्होंने आईटीबी में भारत की भागीदारी पर खुशी जताई जिसे इस बार बेस्ट एक्जीबिटर का अवॉर्ड भी मिला. बर्लिन में होने वाले दुनिया के सबसे बड़े पर्यटन मेले में इस बार 180 देशों और क्षेत्रों की 10 हजार से भी ज्यादा ट्रैवल कंपनियों, टूर ऑपरेटरों, होटल और एयरलाइन कंपनियों ने हिस्सा लिया.