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कुलभूषण की पैरवी के लिए सिर्फ एक रुपया फीस

अशोक कुमार
१६ मई २०१७

भारत के जाने-माने वकील हरीश साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में कुलभूषण जाधव के मामले की पैरवी के लिए सिर्फ एक रुपया फीस ली है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बात का खुलासा किया है.

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Pakistan Islamabad Pressekonfernez zu angebl. Indischer Spion
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Qureshi

जाधव को भारत का जासूस बताते हुए पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. वहीं भारत जाधव को अपना एक आम नागरिक बताते हुए उसकी सजा को रद्द किए जाने की मांग कर रही है और इसी सिलसिले में उसने अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है. सोमवार को हुई सुनवाई में हरीश साल्वे ने अदालत में भारत का पक्ष रखा.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस पैरवी के लिए हरीश साल्वे की तरफ से ली गई फीस के बारे में ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, "यह जायज नहीं है. हरीश साल्वे ने हमसे इस केस के लिए सिर्फ 1 रुपया फीस ली है."

इसके बाद से ट्विटर पर #HarishSalve के साथ उनकी तारीफ हो रही है. जानी-मानी पत्रकार बरखा दत्त ने इससे सच्ची देशभक्ति बताया है.

फिल्मकार मधुर भंडारकर ने ट्वीट किया है कि उन्हें हरीश साल्वे पर गर्व है.

एक ट्विटर यूजर ब्रिज मोहन झा ने ट्वीट किया, "हमें हरीश साल्वे के काम पर गर्व है. उन्होंने कुलभूषण के केस लिए सिर्फ एक रुपया फीस ली है."

दिलीप ओझा नाम के एक यूजर ने हरीश साल्वे को एक रुपये की फीस लेने पर देशभक्त करार दिया है.

इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय अदालत में जिस तरह साल्वे ने पैरवी की, कई लोग ट्विटर पर उसकी भी तारीफ कर रहे हैं. भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया जहां पर वह अपना बिजनेस कर रहा था और उस पर जासूसी के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं. वहीं पाकिस्तान इन दलीलों को ठुकराता है. उसका कहना है कि कुलभूषण ने खुद माना है कि वह पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है और इसका वीडियो भी मौजूद है.

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. हालांकि पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय अदालत के अधिकारक्षेत्र पर सवाल उठाया है. उसका कहना है कि कुलभूषण का मामला अंतररराष्ट्रीय अदालत के दायरे में आता ही नहीं है.