घाना में 10 साल से चल रहा था फर्जी अमेरिकी दूतावास
५ दिसम्बर २०१६घाना में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो अमेरिका का वीसा दे रहा था. यह गिरोह करीब एक दशक से अमेरिका के असली वीसा दे रहा था. यह पता नहीं चल पाया है कि इस गिरोह के पास अमेरिका के असली दस्तावेज आए कहां से.
गिरोह बाकायदा एक अमेरिकी दूतावास चला रहा था. घाना की राजधानी अकरा में यह फर्जी दूतावास एक दोमंजिला घर में चल रहा था. घाना के अधिकारियों के मुताबिक इस इमारत के बाहर अमेरिका का झंडा फहराता था और अंदर दफ्तर में अमरेकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की तस्वीर टंगी थी.
देखिए, किस देश का पासपोर्ट सबसे ताकतवर है
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "यह दूतावास अमेरिकी सरकार नहीं चला रहा था. इसे घाना और तुर्की के संगठित आपराधिक गिरोहों के लोग और घाना का एक वकील चला रहे थे." इस फर्जी दूतावास में अंग्रेजी और डच बोलने वाले तुर्की के नागरिक अमेरिकी वीसा अधिकारी बनकर काम कर रहे थे. घाना में ऐसी ही एक फर्जी एंबेसी नीदरलैंड्स की भी मिली है. हालांकि अभी नीदरलैंड्स के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
फर्जी अमेरिकी दूतावास से 6000 डॉलर में सही अमेरिकी वीसा दिया जा रहा था. अमेरिका का विदेश मंत्रालय यह नहीं बता पाया है कि अमेरिकी सरकार के असली दस्तावेज इन गिरोहों के हाथ कैसे लगे. यह भी पता नहीं लग पाया है कि फर्जी तरीकों से हासिल किए गए इन वीसा दस्तावेजों के जरिए कितने लोग अमेरिका पहुंच गए हैं. यह गिरोह लगभग एक दशक से सक्रिय था. विदेश विभाग ने कहा, "इन अपराधियों ने भ्रष्ट अधिकारियों को खरीद लिया था ताकि इनके कारनामों को नजरअंदाज कर दिया जाए और इन्हें वैध दस्तावेज मिल जाएं." अफ्रीका में अमेरिकी वीसा की खूब है. पश्चिमी दूतावासों का कहना है कि अफ्रीका में अपराधी गिरोहों की इस वीसा मांग पर हमेशा नजर रहती है.
यहां बिना वीसा के जा सकते हैं भारतीय
घाना में जो असली अमेरिकी दूतावास है वह अकरा के सबसे महंगे इलाकों में है. नकली दूतावास चलाने के आरोप में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. नकली दूतावास से जो दस्तावेज मिले हैं उनमें असली और नकली दोनों तरह के भारतीय, दक्षिण अफ्रीकी और यूरोपीय वीसा और पासपोर्ट हैं.
वीके/एके (रॉयटर्स)