कितना सोते हैं जर्मन लोग
शरीर के लिए जिस तरह खाना जरूरी है, उसी तरह सोना भी बहुत जरूरी है. इससे हमें ऊर्जा मिलती है. जर्मन लोग अपनी जिंदगी में औसतन कितना सोते हैं और किसके लिए कितनी नींद जरूरी है, चलिए जानते हैं.
चैन की नींद
जर्मनी में लोग अपनी जिंदगी में औसतन 24 साल और तीन महीने सोने में बिताते हैं. इसका मतलब है कि जिंदगी का एक तिहाई हिस्सा सोने में ही बीतता है.
बसंत का असर
बसंत का मौसम शुरू होते ही 50 से 70 फीसदी जर्मन लोग कुछ हफ्तों तक अन्य मौसमों की तुलना में ज्यादा थकान महसूस करते हैं. इसकी सही वजह तो पता नहीं, लेकिन तापमान बढ़ने के कारण शरीर में हार्मोनल बदलाव इसका कारण हो सकता है.
अच्छी नींद
जर्मनी में 52 फीसदी व्यस्क कहते हैं कि उन्हें अच्छी नींद आती है. 13 प्रतिशत लोग कहते हैं कि वे बहुत अच्छे से सोते हैं. औसत नींद वाले 28 फीसदी लोग हैं जबकि छह प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अच्छी नींद नहीं आती.
कितनी नींद चाहिए
एक नवजात बच्चे को एक दिन में 15 घंटे सोना चाहिए. स्कूल जाने वाले बच्चे 9 से 11 घंटे सोएंगे तो तरोताजा रहेंगे. वहीं किशोरावस्था में पहुंचने पर हमें आठ से दस घंटे की नींद चाहिए.
ये जवानी
जवानी की दहलीज पर पहुंचते पहुंचते इंसान बहुत व्यस्त हो जाता है. कॉलेज, यार दोस्ती के साथ साथ करियर की चिंता भी सताने लगती है. फिर भी आठ घंटे नीद लेनी बहुत जरूरी है.
इतना भी ना सोना
अच्छी नींद से बड़ी कोई नेमत नहीं होती. लेकिन अगर आप 25 की उम्र को पार कर गए हैं तो एक दिन में दस घंटे से ज्यादा किसी हालत में न सोएं. यह सेहत के लिए सही नहीं है.
नींद का इलाज
जर्मनी में हर चौथे व्यक्ति को औसतन तीन साल या उससे भी ज्यादा समय तक नींद से जुड़ी समस्याओं के कारण दवाएं लेनी पड़ी हैं. हालांकि लंबे समय तक ऐसी दवाओं को लेना खतरनाक हो सकता है.