जर्मन स्पेस एजेंसी में लहराया तिरंगा
२३ जून २०१६बुधवार को जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) श्रीहरिकोटा से एक साथ 20 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने का रिकार्ड दर्ज करा रहा था तो हजारों कोस दूर जर्मनी की स्पेस एजेंसी, डीएलआर के दफ्तर के बाहर भी इसके सम्मान में तिरंगे को लहराया गया.
भारत के इस प्रक्षेपण अभियान पीएसएलवी सी 34 में जर्मनी का उपग्रह बीआईआरओएस भी शामिल है. यह उपग्रह तापमान में बदलाव और गर्म जगहों की पड़ताल करता है और इसे भेजे जाने का मकसद जंगलों में लगने वाली आग पर नजर रखने में मदद करना है.
डीएलआर के वैज्ञानिकों ने भारत और इसरो के इस सधे हुए प्रक्षेपण अभियान की सराहना की है. वैज्ञानिकों ने एक बयान जारी कर कहा है, ''प्रक्षेपण के कुछ ही मिनटों में डीएलआर का कंट्रोल सेंटर अपने उपग्रह पर नियंत्रण पाने में कामयाब हो गया था. यह बताता है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने किस दक्षता के साथ उपग्रहों को कक्षा में बिठाने के लिए भेजा है.''
इस मौके पर भारतीय वैज्ञानिकों और इसरो की सराहना के लिए डीएलआर के प्रवेश द्वार के पास भारतीय झंडे को फहराया गया. जहां डीएलआर के निदेशक प्रो. डॉ. हेनिस विलहेल्म होएबनेर्स के साथ सैकड़ों वैज्ञानिक मौजूद थे.
भारतीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से जर्मन उपग्रह बीआईआरओएस को भेजे जाने से भारत और जर्मनी के बीच विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में रिश्ते और मजबूत हुए हैं. इसरो के इस अभियान में जर्मनी के अलावा अमेरिका, कनाडा और इंडोनेशिया के उपग्रह भी शामिल हैं.