26 मार्च को रूस के कई शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतरे. इसमें से सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. प्रदर्शनकारियों में बहुत सारे ऐसे किशोर थे जिन्होंने सिर्फ अपने देश में पुतिन का ही राज देखा है. 17 साल पहले व्लादिमीर पुतिन ने सत्ता संभाली और आगे भी वह सत्ता में बने रहना चाहते हैं.
मॉस्को में रहने वाले 17 साल के मातवेई कहते हैं, "मेरी तो पूरी जिंदगी अभी तक पुतिन के राज में बीती है.” मातवेई को भी मॉस्को में हुए प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया जा रहा था, लेकिन वह जैसे तैसे वहां से भाग निकले. वह कहते हैं, "हमें आगे बढ़ना होगा, लगातार अतीत की ही बातें बंद करनी चाहिए.”
इन प्रदर्शनों के पीछे भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने वाले 40 वर्षीय एलेक्सी नावालनी को माना जाता है जो अपना संदेश लोगों तक फैलाने के लिए सरकार के नियंत्रण वाले टीवी चैनलों को नहीं, बल्कि इंटरनेट को इस्तेमाल करते हैं. उम्रदराज लोग ज्यादातर टीवी से ही सूचना पाते हैं.
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व्लादिमीर पुतिन के अलग अलग चेहरे
केजीबी से क्रेमलिन तक
पुतिन 1975 में सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी केजीबी में शामिल हुए थे. 1980 के दशक में उन्हें जर्मनी के ड्रेसडेन में एजेंट के तौर पर नियुक्त किया गया. यह विदेश में उनकी पहली तैनाती थी. बर्लिन की दीवार गिरने के बाद वह वापस रूस चले गए. बाद में वे येल्त्सिन की सरकार में शामिल हो गए. बोरिस येल्त्सिन ने घोषणा की कि पुतिन उनके उत्तराधिकारी होंगे और उन्हें रूस का प्रधानमंत्री बनाया गया.
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व्लादिमीर पुतिन के अलग अलग चेहरे
पहली बार राष्ट्रपति
प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्ति के समय पुतिन आम लोगों के लिए एक अनजान चेहरा थे. लेकिन अगस्त 1999 में सब बदल गया जब चेचन्या के कुछ हथियारबंद लोगों ने रूस के दागेस्तान इलाके पर हमला किया. राष्ट्रपति येल्त्सिन ने पुतिन को काम सौंपा कि चेचन्या को वापस केंद्रीय सरकार के नियंत्रण में लाया जाए. नए साल की पूर्व संध्या पर येल्त्सिन ने अचानक इस्तीफे का ऐलान किया और पुतिन को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया.
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व्लादिमीर पुतिन के अलग अलग चेहरे
दमदार व्यक्तित्व
मीडिया में पुतिन की अकसर ऐसी तस्वीरें छपती रहती हैं जो उन्हें एक दमदार व्यक्तित्व का धनी दिखाती हैं. उनकी यह तस्वीर सोची में एक नुमाइशी हॉकी मैच की है जिसमें पुतिन की टीम 18-6 से जीती. राष्ट्रपति ने आठ गोल किए.
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व्लादिमीर पुतिन के अलग अलग चेहरे
बोलने पर बंदिशें
रूस में एक विपक्षी रैली में एक व्यक्ति ने मुंह पर पुतिन के नाम की टेप लगा रखी है. 2013 में क्रेमलिन ने घोषणा की कि सरकारी समाचार एजेंसी रियो नोवोस्ती को नए सिरे से व्यवस्थित किया जाएगा. उसका नेतृत्व एक क्रेमलिन समर्थक अधिकारी को सौंपा गया जो अपने पश्चिम विरोधी ख्यालों के लिए मशहूर था. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर नाम की संस्था प्रेस आजादी के मामले में रूस को 178 देशों में 148वें पायदान पर रखती है.
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व्लादिमीर पुतिन के अलग अलग चेहरे
पुतिन की छवि
पुतिन को कदम उठाने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है. केजीबी का पूर्व सदस्य होना भी इसमें मददगार होता है. इस छवि को बनाए रखने के लिए अकसर कई फोटो भी जारी होते हैं. इन तस्वीरों में कभी उन्हें बिना कमीज घोड़े पर बैठा दिखाया जाता है तो कभी जूडो में अपने प्रतिद्वंद्वी को पकटते हुए. रूस में पुतिन को देश में स्थिरता लाने का श्रेय दिया जाता है जबकि कई लोग उन पर निरंकुश होने का आरोप लगाते हैं.
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व्लादिमीर पुतिन के अलग अलग चेहरे
सवालों में लोकतंत्र
जब राष्ट्रपति पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी ने 2007 के चुनावों में भारी जीत दर्ज की तो आलोचकों ने धांधली के आरोप लगाए. प्रदर्शन हुए, दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया और पुतिन पर लोकतंत्र को दबाने के आरोप लगे. इस पोस्टर में लिखा है, “आपका शुक्रिया, नहीं.”
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व्लादिमीर पुतिन के अलग अलग चेहरे
खतरों के खिलाड़ी
काले सागर में एक पनडुब्बी की खिड़की से झांकते हुए पुतिन. क्रीमिया के सेवास्तोपोल में ली गई यह तस्वीर यूक्रेन से अलग कर रूस में मिलाए गए इस हिस्से पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन का पूरी तरह नियंत्रण होने का भी प्रतीक है.
सेंट पीटर्सबर्ग में हुए प्रदर्शनों में शामिल 18 वर्षीय मैक्सिम कहते हैं, "मेरे दोस्तों में से कोई भी टीवी नहीं देखता है, उन्हें इस पर भरोसा नहीं है.” वह बताते हैं कि पुतिन विरोधी प्रदर्शनों की योजना और जानकारी चैट एप्स ग्रुप पर लोगों के साथ साझा की गई.
नावालनी लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए यूट्यूब और रूस में फेसबुक की तरह इस्तेमाल होने वाली वीकॉन्टाक्टे वेबसाइट का इस्तेमाल करते हैं. अपने एक हालिया वीडियो में उन्होंने रूसी प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव पर बेशुमार संपत्ति जमा करने का आरोप लगाया. यूट्यूब पर उनके 50 मिनट के इस वीडियो को 1.4 करोड़ बार देखा गया. हालांकि मेदवदेव के प्रवक्ता ने इन आरोपों को दुष्प्रचार कह कर खारिज किया है.
यह बात सही है कि रूस में पुतिन के सत्ता में आने के बाद से जीवनस्तर में सुधार आया है और इसीलिए ज्यादातर उम्रदराज लोग सरकारी भ्रष्टाचार की बात नहीं करते. लेकिन युवा लोग इस मामले में खासे मुखर हैं.
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कौन कौन बना पुतिन की देरी का शिकार
अंगेला मैर्केल, जर्मन चांसलर
2014 में अंगेला मैर्केल को व्लादिमीर पुतिन ने 4.15 घंटे इंतजार कराया था.
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कौन कौन बना पुतिन की देरी का शिकार
विक्टर यानुकोविच, यूक्रेन के राष्ट्रपति
2012 में यानुकोविच के साथ मीटिंग में पुतिन 4 घंटे देरी से आए.
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कौन कौन बना पुतिन की देरी का शिकार
यूलिया तिमोशेंको, यूक्रेन की प्रधानमंत्री
2009 में तिमोशेंको को पुतिन ने तीन घंटे इंतजार कराया.
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कौन कौन बना पुतिन की देरी का शिकार
आलेक्सांदर लुकाशेंको, बेलारूस के राष्ट्रपति
2013 में लुकाशेंको से पुतिन की मुलाकात 3 घंटे देर से शुरू हुई.
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कौन कौन बना पुतिन की देरी का शिकार
शिंजो आबे, जापान के प्रधानमंत्री
2016 की यह मुलाकात तीन घंटे देर से शुरू हुई क्योंकि पुतिन लेट आए.
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कौन कौन बना पुतिन की देरी का शिकार
साखिया एल्बेगोर्ज, मंगोलिया के राष्ट्रपति
2014 में पुतिन ने एल्बेगोर्ज को दो घंटे इंतजार कराया था.
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कौन कौन बना पुतिन की देरी का शिकार
शिमोन पेरेस, इस्राएल के राष्ट्रपति
2013 में पुतिन ने पेरेस को डेढ़ घंटा इंतजार कराया.
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कौन कौन बना पुतिन की देरी का शिकार
यूएन असेंबली
2015 की महासभा की बैठक में पुतिन एक घंटा 20 मिनट लेट आए.
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कौन कौन बना पुतिन की देरी का शिकार
नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधानमंत्री
2014 में मोदी को पुतिन ने मीटिंग से पहले एक घंटा बिठाए रखा.
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कौन कौन बना पुतिन की देरी का शिकार
पोप फ्रांसिस, पोप
वेटिकन सिटी में पोप से मुलाकात के लिए पुतिन 50 मिनट देर से पहुंचे थे.
रिपोर्ट: विवेक कुमार
17 साल की कात्या कहती हैं, "मैं क्यों मानूं कि जो इस वक्त हो रहा है, वह गलत है? क्योंकि जब मैं छोटी थी तो मेरी मां मुझे कहानी सुनाती थी और उनमें कहा गया था कि चोरी करना, झूठ बोलना और किसी को मारना गलत बात है. लेकिन अब तो यही हो रहा है.”
युवा लोगों के दिलों में हिलोरें मारती बदलाव की भावना रूसी सत्ता प्रतिष्ठान क्रेमलिन के लिए बड़ी चुनौती है. बरसों से क्रेमलिन पुतिन के लिए समर्थन तैयार करने में जुटा है और इसके लिए देश में आयी स्थिरता का हवाला दिया जाता है. सोवियत संघ के विघटन के बाद फैली अवस्था के बीच रूसी लोगों के लिए स्थिरता सबसे अहम थी.
लेकिन राजनीतिक विश्लेषक येकेतारिना शुलमान कहती हैं कि जिन युवा लोगों ने वह दौर नहीं देखा, उनकी प्राथमिकताएं अलग हैं. उनके मुताबिक, "हमारी राजनीतिक व्यवस्था स्थिरता के मुद्दे से ग्रस्त है. लेकिन युवा लोगों को भविष्य का मॉडल चाहिए जो उनकी नजर में निष्पक्ष और साफ सुथरा हो.”
यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि युवा के बीच बदलाव की यह इच्छा पुतिन के शासन के लिए कोई बड़ी चुनौती साबित होगी या नहीं. फिलहाल तो सर्वे दिखा रहे हैं कि पुतिन अगले साल आसानी से जीत जाएंगे. उनके सबसे अहम प्रतिद्वंद्वी नावालनी बहुत पीछे चल रह हैं. इसके अलावा एक आपराधिक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है. नावालनी अपने खिलाफ मुकदमे को राजनीति से प्रेरित बताते हैं.
एके/आरपी (रॉयटर्स)
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ये हैं दुनिया के कुत्ता प्रेमी नेता
बो के साथ मस्ती
अपने खास अंदाज के लिए महशूर ओबामा की यह तस्वीर 12 मई 2009 की है, जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में अपने कुत्ते बो के साथ मस्ती करते नजर आए.
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ये हैं दुनिया के कुत्ता प्रेमी नेता
परिवार का दुलारा
यह कुत्ता ओबामा को अमेरिकी सीनेटर एडवर्ड केनेडी ने तोहफे में दिया था. उनके पास पुर्तगीज वाटर नस्ल के कई कुत्ते थे. यह कुत्ता पूरे ओबामा परिवार का दुलारा है.
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कुत्तों के शौकीन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी कुत्तों के बहुत शौकीन माने जाते हैं. यह तस्वीर 24 मार्च 2013 की है जिसमें पुतिन बर्फ पर अपने कुत्तों बफी और युमे के साथ खेलते देखे जा सकते हैं.
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मुलाकात का हिस्सा
पुतिन सोची में 21 जनवरी 2007 को जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के साथ मुलाकात कर रहे थे, तभी उनका कुत्ता कोनी उस कमरे में दाखिल हो गया. लग रहा है द्विपक्षीय वार्ता त्रिपक्षीय हो गई.
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शावेज का तोहफा
कुत्ता प्रेमी नेताओं में अर्जेंटीना की पूर्व राष्ट्रपति क्रिस्टीना किर्शनर भी शामिल हैं. यह तस्वीर 18 नवंबर 2013 की है जिसमें वह अपने कुत्ते सिमोन के साथ हैं. यह कुत्ता उन्हें वेनेजुएला के राष्ट्रपति हूगो शावेज से तोहफे में मिला था.
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ये हैं दुनिया के कुत्ता प्रेमी नेता
बुश का बार्ने
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल 2007 में जब टैक्सस के दौरे पर गईं तो तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने उन्हें अपने कुत्ते बार्ने से भी मिलवाया. मैर्केल के इस दौरे में ईरान और अफगानिस्तान पर वार्ता के अलावा ऐसे हल्के फुल्के पल भी दिखे.
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जी-8 में बार्ने
2004 में जी-8 देशों की बैठक के दौरान तत्कालीन जर्मन चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश की मुलाकात में भी उनका कुत्ता मौजूद था. बार्ने ने 2013 में 12 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा था.
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ये हैं दुनिया के कुत्ता प्रेमी नेता
कैसा लग रहा है
अप्रैल 2009 में तत्कालीन रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव ने अपने ब्लॉग पर पहला वीडियो संबोधन पोस्ट किया. अपने कुत्ते के साथ मिलकर वह इसे ही देख रहे हैं कि आखिर कैसा लग रहा है.
रिपोर्ट: अशोक कुमार