जी20 विरोधी प्रदर्शन: धुआं, जलती कारें और परेशान लोग
जर्मन शहर हैम्बर्ग में जी20 विरोधी प्रदर्शन हिंसक और शांतिपूर्ण दोनो ही तरह के रहे. इन प्रदर्शनों में लगभग 10 हजार लोगों ने हिस्सा लिया.
भारी प्रदर्शन
शहर का यह हिस्सा हिंसक प्रदर्शनों का गवाह बना. इसे लेकर हैरानी भी नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह इलाका शहर में वामपंथी कार्यकर्ताओं का सबसे बड़ा ठिकाना है.
पुलिस का नियंत्रण
पुलिस ने शनिवार तड़के शहर की सड़कों को पूरी तरह फिर से अपने नियंत्रण में लिया.
लूटपाट भी
पहले दिन के प्रदर्शन के दौरान कई दुकानों को लूटा गया और उन्हें नुकसान पहुंचाया गया.
ब्लैक ब्लॉक
पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनों के लिए तथाकथित ब्लैक ब्लॉक मूवमेंट को जिम्मेदार ठहराया. इस समूह के लोग काले कपड़े पहने होते हैं और उनका मुंह भी ढका होता है.
स्मोक बम
ब्लैक ब्लॉक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की तरफ इस तरह के स्मोक बम भी फेंके. इनसे निपटने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी.
आगजनी
हैम्बर्ग में इस दौरान सड़कों पर आग भी लगी दिखायी दी जिसमें कई कारें जल कर स्वाहा हो गयीं.
लपटों में बैरिकेड
शुक्रवार की शाम को प्रदर्शनकारियों ने कुछ बैरिकेड भी जला दिये. शहर भर में कई कारें भी जलती दिखीं.
पूंजीवाद का विरोध
प्रदर्शनकारी पूंजीवाद का विरोध कर रहे थे. ज्यादातर प्रदर्शन शांतिपूर्वक थे, लेकिन इस तरह के दृश्य भी कई जगहों पर दिखे.
जी20 की जंग
पुलिस ने जी20 सम्मेलन के पहले दिन प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया.
सड़क पर बख्तर बंद गाड़ियां
कुछ प्रदर्शनकारी पानी की बौछारों से बेपरवाह दिखे. बख्तरबंद गाड़ी पर चढ़ी इस इस लड़की को देख कर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है.
प्रदर्शनकारियों का पीछा
कुछ जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों का इस तरह पीछा भी किया, ताकि उन्हें सड़कों से हटाया जा सके.
वार जोन
सोशल मीडिया पर आयी प्रदर्शनों की इन तस्वीरों में इमारतों से धुआं निकलता देखा जा सकता है.
बच्चे भी प्रभावित हुए
यह हिंसक प्रदर्शन कुछ ऐसी जगहों पर दिखे जहां आम तौर पर बच्चे खेलते हैं.