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मुश्किल में दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन, मदद चाहिए

विवेक कुमार२२ जुलाई २०१६

दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे संवेदनशील दूरबीन इस वक्त मुश्किल में है. शायद अगले साल तक उसे कत्ल कर दिया जाएगा.

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China, Teleskop in Pingtang
चीन के पिंगतांग में बना नया टेलिस्कोपतस्वीर: Reuters/L. Xu

दुनिया का सबसे बड़ा रेडियो टेलिस्कोप मुश्किल में है. यह सिंगल-डिश रेडियो टेलिस्कोप प्युर्टो रिको के जंगलों में लगा है. इसका काम है ग्रैविटेशनल तरंगें खोजना और अंतरिक्ष में सौर मंडल के बाहर से आ रहे सिगनल्स को पकड़ लेना. इन सबके जरिए ये ऐसे एस्टेरॉयड्स का भी पता लगा सकता है जो धरती की ओर बढ़े चले आ रहे हैं और उससे टकरा सकते हैं. लेकिन अब इस दूरबीन के सामने एक मुश्किल आ खड़ी हुई है. यह मुश्किल है धन की.

Radioteleskop Oberservatorium Arecibo in Puerto Rico
प्युर्टो रिको की दूरबीनतस्वीर: AP

अरेसिबो ऑब्जरवेटरी में लगी यह दूरबीन एक हजार फुट चौड़ी है. इसके रखरखाव के लिए काफी मात्रा में धन की जरूरत होती है. अमेरिका से इसके लिए फंड मिलता रहा है लेकिन अब यह डावांडोल हो रहा है. साथ ही चीन और चिली में बने ज्यादा ताकतवर टेलिस्कोप की छाया भी इस दूरबीन पर पड़ रही है. लोग कहने लगे हैं कि जब चीन और चिली में इससे ज्यादा ताकतवर टेलिस्कोप हैं तो इसकी जरूरत क्या है. हालांकि कुछ वैज्ञानिक हैं जो अब भी चाहते हैं कि इसे बचाए रखा जाए. उनका कहना है कि यह अब भी काफी काम आ सकती है.

ऑब्जरवेटरी के पूर्व निदेशक रॉबर्ट केर कहते हैं, "यह दुनिया का सबसे संवेदनशील टेलिस्कोप है. यही कारण काफी है इसे बनाए रखने के लिए और इसके लिए धन उपलब्ध कराते रहने के लिए. इसकी ताकत ऐसी है कि मंगल पर कोई च्यूंटी चल रही होती है तो मैं उसकी आवाज सुन सकता हूं."

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इस दूरबीन के साथ रिसर्च करने के लिए हर साल 200 लोग आते हैं. साथ ही 90 हजार लोग सालाना इसे देखने आते हैं. जेम्स बॉन्ड की फिल्म 'गोल्डन आई' और जोडी फॉस्टर की फिल्म 'कॉन्टैक्ट' में इसे देखा गया था. 53 साल पुरानी इस दूरबीन को बंद करने की चर्चा हालांकि नयी नहीं है. एक दशक पहले विशेषज्ञों की एक टीम ने सिफारिश की थी कि अगर अमेरिकी नेशनल साइंस फाउंडेशन को कहीं से मदद नहीं मिलती है तो इस ऑब्जरवेटरी को बंद कर दिया जाना चाहिए.

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हालांकि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा इसके लिए मदद कर रही है. और वर्जीनिया की साइंस फाउंडेशन तो एक करोड़ 20 लाख के बजट का दो तिहाई खर्च देती है. लेकिन फाउंडेशन ने चेतावनी दे दी है कि उसका अपना बजट कम हो रहा है इसलिए अब वह और ज्यादा दिन तक इस दूरबीन का खर्च नहीं उठा पाएगी. फाउंडेशन के एस्ट्रोनॉमिकल साइंसेज प्रभाग निदेशक जिम उल्वेस्टाड ने बताया, "हमारे पास इतना पैसा तो नहीं है कि लोग जहां कहें उसी के लिए हम पैसा दे दें."

संभावना है कि अगले साल के मध्य तक इस दूरबीन के भविष्य पर फैसला हो जाएगा.

वीके/आईबी (एपी)