ये हैं दुनिया के नए नवेले शहर
आंध्र प्रदेश में इन दिनों राज्य की नई राजधानी अमरावती को बनाने का काम जोर शोर से चल रहा है. चलिए डालते हैं नजर आधुनिक दुनिया के कुछ सबसे नए नेवेले शहरों पर.
अस्ताना
अस्ताना को 1997 में कजाखस्तान की राजधानी बनाया गया. इसे अकसर दुनिया का सबसे अजीब शहर कहा जाता है. इस शहर का खाका जापानी आर्किटेक्ट किशो कारावास ने तैयार किया था. इस शहर को भविष्योन्मुखी इमारतों के लिए जाना जाता है.
ब्राजीलिया
ब्राजीलिया को 1960 में बसाया गया था. इसका मॉर्डन आर्किटेक्चर इसे खास बनाता है जिसे मुख्य तौर पर ऑस्कर नीमेयर ने तैयार किया. यह शहर 1987 से यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है. लेकिन सार्वजनिक परिवहन और सार्वजनिक स्थलों की कमी यहां दिखती है.
कैनबरा
ऑस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी हो या मेलबर्न? बीच का रास्ता निकलाते हुए कैनबरा को राजधानी बनाया गया. 1913 में इस शहर को बसाने का काम शुरू हुआ. लेकिन देश की संसद को यहां 1927 में ही लाया जा सका. आधुनिक सुविधाओं के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैनबरा की ज्यादा शोहरत नहीं है.
नेपितो
वर्ष 2005 में म्यांमार की राजधानी को यांगून से नेपितो ले जाया गया. यह शहर 2,700 वर्ग मील में फैला है. यानी आकार में यह लंदन से चार गुना बड़ा है. चौड़ी चौड़ी सड़कें हैं. लेकिन शहर खाली खाली नजर आता है. यहां ज्यादा लोग नहीं रहते हैं.
इस्लामाबाद
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामबाद को बसाने का काम 1960 के दशक में शुरू हुआ था. पाकिस्तान की राजधानी पहले कराची शहर था जिसे इस्लामाबाद लाने का फैसला सैन्य शासक अयूब खान ने किया था. शहर की आबादी लगातार बढ़ रही है लेकिन वहां कोई सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट नहीं है.
सोंगदो
दक्षिण कोरिया में सोंगदो को पीले सागर के तट पर बसाया गया है. यहां लगभग एक लाख लोग रहते हैं जिनमें से ज्यादातर अमीर तबके के हैं. यहां ट्रैफिक से पुलिस और निजी घरों तक, सब कुछ डिजीटल रूप से जुड़ा है. हर जगह कैमरे और सेंसर हैं.
चंडीगढ़
दुनिया के मशहूर नियोजित शहरों में भारत के चंडीगढ़ का नाम भी आता है, जिसे स्विस आर्किटेक्ट ली कोर्बुजिए ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के कहने पर डिजाइन किया था. साफ सफाई और खुली खुली सड़कें चंडीगढ़ को भारत के अन्य शहरों से अलग बनाती हैं.
अमरावती
आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के किनारे पर 217 वर्ग किलोमीटर के इलाके में अमरावती शहर को बसाने का काम चल रहा है. बताया जा रहा है कि यह शहर आधुनिक जरूरत की सभी सुविधाओं से लैस होगा. हालांकि कार्यकर्ताओं का कहना है कि नया शहर बसाने के लिए किसानों को उनकी जमीनों से बेदखल किया जा रहा है.