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एक अदद शौचालय खोजना शहरियों की बड़ी मुसीबत है

२१ नवम्बर २०१६

अब पहले से कहीं ज्यादा लोग गांवों से शहरों की ओर आ रहे हैं. और शहरों में उन्हें सबसे ज्यादा मशक्कत टॉयलेट्स खोजने में करनी पड़ रही है.

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Kambodscha Hygiene Aufklärung Toilette
तस्वीर: DW/K. James

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली सामाजिक संस्था वॉटरएड का कहना है कि टॉयलेट खोजना दुनियाभर में करोड़ों लोगों के लिए रोजमर्रा का काम नहीं बल्कि स्वास्थ्य का मसला है.

ब्रिटिश संस्था वॉटरएड के मुताबिक शहरों में रहने वाला हर पांचवां व्यक्ति यानी करीब 70 करोड़ लोगों के पास शौचालय की सुविधा नहीं है. 60 करोड़ लोग ऐसे हैं जो गंदे, भीड़भाड़ वाले शौचालय का इस्तेमाल करते हैं. और 10 करोड़ लोग तो ऐसे हैं जिनके पास टॉयलेट जैसी किसी सुविधा की गुंजाइश ही नहीं है. संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य है कि 2030 तक सभी को टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध करानी है. अभी स्थिति यह है कि पूरी दुनिया में एक साफ-सुथरे शौचालय से महरूम लोगों की लाइन लगाई जाए तो यह लाइन पृथ्वी के 29 चक्कर लगा लेगी.

देखिए, कैफे लैटरीन की तस्वीरें

वॉटरएड के मुताबिक शहर में रहने वाले लोगों में बिना शौचालय के जीने वाले लोगों की सबसे बड़ी आबादी भारत में रहती है. देश में लगभग 15.7 करोड़ लोग ऐसे हैं जो शहरों में रहते हैं लेकिन उनके पास निजी या सुरक्षित शौचालय नहीं है. रिपोर्ट कहती है कि भारत के शहरों में 4.1 करोड़ लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. ये लोग एक दिन में इतना कचरा पैदा करते हैं कि ओलंपिक में इस्तेमाल होने वाले 8 स्विमिंग पूल भर जाएं. पूरी दुनिया में तीन लाख 15 हजार बच्चे सालाना बस इसलिए मर जाते हैं कि उन्हें साफ शौचालय उपलब्ध ना होने की वजह से डायरिया हो जाता है.

भारत के अलावा चीन, नाइजीरिया, इंडोनेशिया, रूस, बांग्लादेश, डीआर कोंगो, ब्राजील इथियोपिया और पाकिस्तान ऐसे देश हैं जहां शहरियों को शौचालय की सुविधा सबसे कम उपलब्ध है. प्रति व्यक्ति टॉयलेट्स उपलब्ध कराने के मामले में सबसे खराब हालत में अफ्रीका के देश हैं. इस मामले में पहले दस देशों में साउथ सूडान, मेडागास्कर, कोंगो, घाना, सिएरा लियोन, टोगो, इथियोपिया, लाइबेरिया, डीआर कोंगो और यूगांडा हैं.

तस्वीरों में: टॉयलेट से ज्यादा गंदी चीजें

खुले में शौच जाने के मामले में सबसे ऊपर साउथ सूडान का नाम आता है. उसके बाद साओ टोमे का नाम आता है. फिर प्रिंसिपी, इरिट्रिया, लाइबेरिया, बेनिन, नामीबिया, किरिबाती, टोगो, मेडागास्कर और नाइजीरिया का नंबर है. टॉयलेट्स बनाने के मामले में चीन ने सबको पीछे छोड़ दिया है. यहां जिस तेजी से गांवों से लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, उससे ज्यादा तेजी से शौचालय बनाए जा रहे हैं.

वीके/एके (रॉयटर्स)