ऐसे लड़ सकता है यूरोप प्रदूषण से
यूरोप के शहर वायु प्रदूषण की चपेट में हैं. कुछ देशों में स्थिति बहुत सुधरी है, लेकिन बहुत सारे शहर सूक्ष्म कणों और जहरीली गैसों से परेशान हैं. सवाल है कि इन शहरों को साफ कैसे रखें?
डीजल में कटौती
जर्मनी ने अपने पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसों को डीजल के बदले इलेक्ट्रिक से चलाने की स्कीम शुरू की है. इसके लिए व्यापक स्तर पर चार्जिंग प्वाइंट बनाने की शुरुआत हुई है. लेकिन पर्यावरण संरक्षक प्राइवेट कारों को भी रेट्रोफिट करने या सड़क से हटाने की मांग कर रहे हैं.
कारों को सड़क से हटाना
मिलान इटली के सबसे प्रदूषित शहरों में एक है. उसने कुछ खास घंटों में सिटी सेंटर में कारों पर रोक लगा दी है. इटली और भारत सहित कई देशों के दूसरे शहरों ने भी ऐसी ही स्कीमें चलाई हैं. मसलन नई दिल्ली में ऑड-इवन स्कीम, जिससे खास दिनों में सड़क पर यातायात नियंत्रित किया जा सकता है.
मुफ्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट
मेसेडोनिया की राजधानी श्कोप्ये में तो प्रदूषण का स्तर यूरोपीय संघ में लागू पैमाने से 15 गुना ज्यादा है. स्मॉग की समस्या मुख्य रूप से कोयला जलाने और पुराने उद्योग से निकलने वाले धुंए और कारों की वजह से है. लोग कारों का इस्तेमाल न करें, इसलिए सरकार ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मुफ्त कर दिया है.
चौकस रहने की चेतावनी
लंदन में एक सड़क ने यूरोपीय संघ की वार्षिक नाइट्रोजन डायऑक्साइड की सीमा पार कर ली, और वह भी साल के पहले ही महीने में. लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा है कि वे बुरे प्रदूषण वाले दिनों में शहर के स्कूलों को चौकसी बरतने की चेतावनी देना चाहते हैं.