1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

रूस के खिलाफ ईयू के कड़े प्रतिबंध जारी रहेंगे

१५ दिसम्बर २०१७

यूरोपीय संघ के नेता रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों को और छह महीने जारी रखने पर सहमत हो गए हैं. ब्रसेल्स में बैठक के दौरान संघ के नेताओं ने प्रवासी और सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा की, जिसके दौरान कई मतभेद भी सामने आए.

https://p.dw.com/p/2pPsx
EU Gipfel Brüssel Runder Tisch
तस्वीर: Reuters/J.Warnand

पूर्वी यूक्रेन के संकट में रूस की भूमिका को देखते हुए उसके खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंधों को जारी रखने का फैसला किया गया है. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डॉनल्ड टुस्क ने ट्वीट किया, "रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध जारी रखने के मुद्दे पर यूरोपीय संघ एकजुट."

रूस ने जब यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप को अपने क्षेत्र में मिला लिया तो यूरोपीय संघ ने जुलाई 2014 में उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाए थे जिनमें वित्तीय, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र से जुड़े उद्योगों को निशाना बनाने के साथ साथ यूरोपीय संघ के बाजार तक रूस की पहुंच को सीमित करना भी शामिल था.

मैर्केल ने की एकजुटता की अपील

यूक्रेन के राष्ट्रपति पेत्रो पोरोशेंकों ने यूरोपीय संघ के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा, "रूस की तरफ से यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने और हमारे देश के खिलाफ मिश्रित आक्रमण को रोकने की उसकी अनिच्छा के खिलाफ प्रतिबंधों को जारी करने का यूरोपीय संघ के नेताओं का फैसला अहम है."

यूरोपीय संघ ने कहा है कि वह तभी प्रतिबंधों को हटाएगा जब रूस मिंस्क समझौते पर अमल करेगा. इस समझौते में बिना शर्त संघर्षविराम और दोनों पक्षों से पूर्वी यूक्रेन में युद्ध के मोर्चे से भारी हथियारों को हटाने के लिए कहा गया है.

यूरोपीय संघ के 28 सदस्य देशों में से 25 देशों के नेताओं ने ब्रसेल्स में मिलकर सशस्त्र बलों की तैनाती, उनके विकास और उनके लिए धन मुहैया कराने पर भी सहमति जताई. ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर जा रहा है जबकि डेनमार्क और माल्टा पर्मानेंट स्ट्रक्चर्ड को-ओपरेशन या पेस्को नाम की इस सुरक्षा डील में शामिल नहीं होना चाहते हैं.

विश्लेषक मानते हैं कि पेस्को के कारण अमेरिका पर यूरोप की निर्भरता कम होगी. खास कर ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद यूरोप और अमेरिका के बीच की दूरियां बढ़ी हैं. डॉनल्ड टुस्क ने कहा, "50 साल से भी ज्यादा हो गए जब यूरोपियन डिफेंस कम्युनिटी बनाई गई थी, लेकिन इसे साकार करने के लिए एकता और साहस नहीं था. यह सपना उस समय की सच्चाइयों के मुताबिक नहीं था. आज यह सच बन गया है." उन्होंने इस फैसले को "दुश्मनों के लिए बुरी खबर" बताया.

दूसरी तरफ, शरणार्थियों के मुद्दे पर यूरोपीय संघ में अब भी मतभेद नजर आते हैं. चार पूर्वी यूरोपीय देश चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया ने घोषणा की कि वे 3.5 करोड़ यूरो की रकम लीबिया में संघ की सीमाओं को सुरक्षित बनाने की परियोजना पर खर्च करेंगे. लीबिया से ही बहुत से प्रवासी यूरोप के लिए अपना खतरनाक सफर शुरू करते हैं.

अन्य यूरोपीय देशों ने इन चार देशों की योजना की आलोचना की है, क्योंकि वे संघ में मौजूद प्रवासियों की समस्या से निपटने में योगदान नहीं दे रहे हैं. वे एक निर्धारित कोटे के तहत अपने हिस्से में आए शरणार्थियों को नहीं ले रहे हैं. गुरुवार को शिखर सम्मेलन में भी इन चारों देशों ने कोटे का विरोध किया.

स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रोबर्ट फिको ने कहा, "कोटा काम नहीं कर रहा है, वह अप्रभावी है." उन्होंने कहा, "कोटे पर फैसले ने सचमुच यूरोपीय संघ को बांट दिया." डॉनल्ड टुस्क ने भी कोटा व्यवस्था की आलोचना की. लेकिन जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल समेत यूरोपीय संघ के अन्य नेताओं ने चेतावनी दी कि टुस्क के ख्यालों से प्रवासी संकट से निपटने में मदद नहीं मिलेगी और इससे संघ के भीतर एकजुटता कमजोर होगी.

एके/एनआर (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)